
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नेपाल कंबोडिया तो यूं ही बदनाम है, अगर केसिनो का असल लुत्फ लेना है तो चले आइए हरिद्वार। यहां बेरोकटोक खुलेआम चलते है एक, दो नहीं बल्कि कई केसिनो। पुलिस की तिरछी छोड़िए सीधी निगाहें भी इन केसिनो को नहीं भेद पाती, वो बात अलग है कि पब्लिक इनको नंगा जरूर कर देती है। सोशल मीडिया पर रंगीन कर देती है पर बावजूद इसके केसिनो जस के तस है।
सटोरिए खुलकर बोलते है पूरा सिस्टम जेब में है, उखाड़ना है जो उखाड़ लो। बात वाजिब भी है, इतना खुलकर केसिनो तभी चल सकते है जब सिस्टम को सटोरिए हॉक रहे होगे। खैर सिस्टम को मलाई मक्खन मिल रहा है, अब उनकी बला से कोई गरीब लुटे तो लूटे।परिवार भूखा मरे तो मरे, उन्हें क्या, अपन की तो बल्ले बल्ले है।
दरअसल हरिद्वार में केसिनो डंके की चोट पर संचालित हो रहे है। उतरी हरिद्वार, पंतदीप से लेकर रोड़ीबेलवाला में झोपड़ी में खुलकर केसिनो चल रहे है। जुआ ही नहीं वहां सट्टे के नंबर भी लगते है और सब खुलकर होता है। मानो पुलिस नाम की कोई चीज ही नहीं है।
इसका संचालन रोहित नाम का एक सटोरिया करता है, जिसका दावा है कि पूरे सिस्टम को वो मैनेज करता है। मैनेज का मतलब आप समझ ही गए होगे, बताते है कि कई लाख की आमदनी रोजाना होती है। यहां हर मेहनतकश को खुलेआम लूटा जाता है। गलती से अगर कोई जीत गया तो उसे जाने नहीं दिया जाता बल्कि जबरन खेलने को बेबस किया जाता है।
अवैध असलहों से लैस बदमाश मौजूद है, जिनका काम सीधे तान देना है। यही हाल बस स्टैंड का है। जहां पिछले दिनों कांग्रेसी नेता दीपक टंडन उनकी पत्नी आयुषी टंडन ने सट्टे की सोशल मीडिया पर लाइव पोल खोली थी।
जब साधारण से कांग्रेसी नेता और उसकी पत्नी को सट्टे का खेल रोड पर चलते हुए दिखाई दे रहा है तो स्थानीय पुलिस आखिर क्यों आंखें मूंदे हुए हैं। वह भी तब इसी मार्ग से आला अफसरान से लेकर निचले स्तर के अधिकारी भी गुजरते हैं।
यही नहीं बस स्टैंड पर पुलिस पिकेट भी राउंड द क्लॉक तैनात रहती है। सवाल यही है कि आखिर किसकी शह पर यह जरायम पेशेवर खुल्लम-खुल्ला खेल खेल रहे हैं और गरीब तबके से आने वाले मेहनतकश लोगों को खुलेआम लूट रहे हैं। सवाल यह है कि गोरखधंधा कब बंद होगा..? पूछता है हरिद्वार….!