“नगर निगम की 54 करोड़ की जमीन खरीद में सामने आ रही नई परतें, जॉइंट अकाउंट से रकम ट्रांसफर और एफडी में तब्दील, विजिलेंस की रडार पर अफसर और रिश्तेदार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: बहुचर्चित नगर निगम भूमि खरीद घोटाले में नई बात सामने आई है। भूमि विक्रेता स्वर्गीय धनपाल के खाते से करीब छह करोड़ की रकम भतीजे अभिषेक के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है। मौजूदा समय में तीनों विक्रेता रहे धनपाल, सुमन देवी और जितेंद्र के अलावा अभिषेक के बैंक खातों में 34 करोड रुपए होने की बात निकाल कर आ रही है।
विजिलेंस की टीम ने बैंक खातों को ही नहीं खंगाला बल्कि मौके पर पहुंचकर भूमि का भी मुआयना किया। माना जा रहा है कि विजिलेंस जल्द कोई बड़ा एक्शन ले सकती है।
पिछले दिनों सामने आए नगर निगम के भूमि खरीद घोटाले की गाज तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम हरिद्वार रहे अजयवीर समेत कहीं सरकारी कर्मचारियों पर गिरी थी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीनों बड़े अफसर को सस्पेंड कर दिया था। यही नहीं पूरे मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए थे। जांच की कमान संभालने के बाद दो दिन पूर्व भी विजिलेंस की टीम नगर निगम कैंपस पहुंची थी, इसके बाद मंगलवार को फिर से विजिलेंस की टीम यहां पहुंची।
विजिलेंस ने जब बैंक खातों को खंगाला तब सामने आया कि धनपाल के खाते से छह करोड़ की रकम एक जॉइंट अकाउंट में ट्रांसफर की गई है, जो खाता उसके और उसके भतीजे अभिषेक के नाम खोला गया था।
हैरानी की बात यह है कि फरवरी माह में धनपाल का नाम उस जॉइंट अकाउंट से अलग कर दिया गया था। मौजूदा समय में वह अकाउंट केवल अभिषेक के नाम ही चल रहा है। सूत्रों की माने तो तीनों खातों में 34 करोड रुपए जमा है और अधिकांश रकम की एफडी भी बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस पूरी गहनता से छानबीन करते हुए घोटाले की कड़ियां जोड़ने में जुटी है, जिससे कि घोटाले के प्रमुख चेहरों के खिलाफ एक्शन लिया जा सके।
क्या था मामला…..
नगर निगम ने गांव सराय में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र के विस्तारीकरण के लिए करीब 33 बीघा जमीन 54 करोड रुपए में खरीदी थी। जमीन का लैंड यूज चेंज कर उसे कृषि की बजाय कमर्शियल कर दिया गया था, जिस वजह से ₹6000 मी का सर्किल रेट सीधे ₹25000 हो गया था और इस तरह पूरे घोट को अंजाम दिया गया था।