दर्जाधारी विनोद आर्य की गिरफ्तारी में नया पेंच, पीड़ित के सुर नरम, पुलिस की रफ्तार भी हुई धीमी..
ड्राइवर ने लगाया था कुकर्म के प्रयास का आरोप, पुलिस ने कोर्ट से हासिल की बयानों की कॉपी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ड्राइवर से कुकर्म के आरोप में फंसे पूर्व दर्जाधारी डा. विनोद आर्य की गिरफ्तारी में पेंच आ गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो गिरफ्तारी फिलहाल आश्चर्यजनक ढंग से टल गई।
हालांकि, पुलिस ने कोर्ट से पीड़ित के बयानों की कॉपी हासिल कर ली। इसे विवेचना में शामिल करते हुए बयानों का परीक्षण करने की बात भी कही जा रही है।
लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जितनी तेजी से आरोपी विनोद आर्य को हिरासत में लिया और पीड़ित को कोर्ट में पेश किया, अब वैसी तेजी नजर नहीं आ रही है। पीड़ित के सुर भी नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
दूसरी तरफ, कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं, अलबत्ता युवक के बयानों में झोल आने की चर्चाएं हो रही है। जिससे यह लग रहा है कि फिलहाल विनोद आर्य की गिरफ्तारी नहीं होगी। पहले पुलिस इस मामले की गहराई तक जाकर छानबीन करेगी।
आरोपों के संबंध में कहीं कोई मजबूत सुबूत हाथ लगता है तो गिरफ्तारी हो सकती है, अन्यथा मामला ठंडे बस्ते में जाना तय है। यह मामला राजनीतिक हल्कों की सुर्खियां बना हुआ है।
खासतौर पर अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करने वाले कई क्षेत्रीय संगठन व सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले पर नजर बनाए हुए है। देखने वाली बात यह है कि आने वाले दिनों में ऊंट किस करवट बैठता है।
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यह था पूरा मामला……
छुटमलपुर सहारनपुर निवासी युवक ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य ने उसे ड्राइवर की नौकरी पर रखा था। युवक का आरोप है कि विनोद आर्य ने कई उससे तेल मालिश कराई और अश्लील हरकत की। इतना ही नहीं, कुकर्म के प्रयास का आरोप भी युवक ने लगाया था।
युवक का कहना था कि विनोद आर्य ने बाइक पर तीन युवकों को छुटमलपुर भेजकर उसका एक्सीडेंट भी कराया। जान का खतरा जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने केस दर्ज करने में देर नहीं की। लेकिन सीआरपीसी की धारा 164 के बयान दर्ज कराने के दौरान युवक ने कोर्ट में कई अजीबो गरीब हरकतें की। उसकी कहानी भी पहले से ही झोल नजर आ रहा था, जज के सामने जाकर सिर दर्द का बहाना बनाने से पुलिस भी हैरान रह गई।
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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए पीड़ित के बयान की कॉपी प्राप्त कर ली गई है, जिसको विवेचना में सम्मिलित किया गया है। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए युवक के पुलिस और माननीय न्यायालय में दिए गए बयानों का परीक्षण करने और अन्य साक्ष्य को सम्मिलित करने और विधिसम्मत कार्यवाही के निर्देश विवेचक को दिए गए हैं।