जगदीश शर्मा “देशप्रेमी!
पंच👊नामा..✍️(रूड़की)
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दहेज पीडिता ने दी पुलिस को तहरीर….
रूड़की: शादी के कुछ माह बाद ही दहेज के लालची ससुरालियों पर नव-विवाहिता ने मारपीट कर घर से निकालने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है जिसके बाद पुलिस ने तहरीर महिला हैल्प लाईन को ट्रांसफर कर दी। मामला कोतवाली सिविल लाइम के ग्राम ढण्डेरा का है। घटना की बाबत प्रशिक्षु सीओ अंकित कण्डारी ने बताया कि ढण्डेरा निवासी महिला की शादी बीती 7 मई को सहारनपुर के कस्बा नानौता निवासी करतार सिंह से हुयी थी। शादी के मात्र 5 माह बाद ही नवविवाहिता को ससुराल वालों ने कम दहेज लाने के कारण मारपीट करके घर से निकाल दिया। पीड़िता ने पुलिस को ससुरालियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वही पुलिस ने महिला की तहरीर को महिला हैल्प लाईन ट्रांसफर कर दी है।
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प्रेमी संग युवती हुयी घर से फरार….
रूड़की:बीती रात एक युवती प्रेमी संग घर से फरार हो गयी। युवती के पिता ने उसकी गुमशुदगी पुलिस को दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस युवती को तलाश करने के लिये घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है। मामला कोतवाली सिविल लाइन क्षेत्र का है। घटना की बाबत पुलिस ने बताया कि एक युवती का कई महीनों से एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसके चलते युवती अपने प्रेमी के साथ घर से फरार हो गयी। युवती के पिता ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस युवती की तलाश कर रही है।
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किसानों ने घेरी तहसील, चकबंदी का किया विरोध….
रूड़की: तीन कृषि कानून व चकबन्दी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में आज सैकड़ो किसानों ने रुड़की तहसील का घेराव किया, साथ ही चकबन्दी विभाग व केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सुबह करीब 11 बजे रुड़की क्षेत्र के हजारों किसान ट्रैक्टर ट्रालियों पर चढकर नारेबाजी करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष पदम सिंह रोड के नेतृत्व में रुड़की तहसील पहुँचे, और जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर पदम सिंह रोड ने प्रशासन व चकबन्दी विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि चकबन्दी विभाग काफी अरसे से क्षेत्र के किसानों का शोषण कर रहा है जिसे किसान कतई बदार्श्त नहीं करेगा। इसके अलावा पदम् सिंह रोड ने कहा कि केन्द्र सरकार पूंजी पतियों के दबाव में आकर तीन कृषि कानून जैसे काले कानूनों को वापस नहीं ले रही है। यदि जल्दी ही तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया और भ्रष्ट चकबन्दी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गयी, तो किसान उग्र आंदोलन को मजबूर होगा।