रामानंद इंस्टीट्यूट के प्रथम दीक्षांत समारोह में बिखरा “निरंजनी रंग, डिग्री पाकर झूम उठे छात्र-छात्राएं, रंगारंग कार्यक्रमों से मचाया धमाल..
उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति ने कम फीस में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए रामानंद इंस्टीट्यूट को दिया साधुवाद, वार्षिक खेलकूद और सांस्कृतिक उत्सव "निरंजनी 2023" का समारोहपूर्वक समापन..
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रामानन्द इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एन्ड मैनेजमेंट के प्रथम दीक्षांत समारोह में वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओंकार सिंह ने एमबीए, बी फार्मा और बीटेक के 100 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। इसके साथ ही वार्षिक खेलकूद व सांस्कृतिक उत्सव “निरंजनी 2023” का समारोहपूर्वक भव्य समापन हो गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मानो अखंड भारत एक मंच पर उतर आया। इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के विजेताओं और अकादमी प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का समापन फूलों की होली से हुआ।तकनीकी विवि के कुलपति प्रो ओंकार सिंह का रामानंद इंस्टीट्यूट के प्रथम दीक्षांत समारोह में पधारने पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और संस्था के चेयरमैन श्रीमहंत रविंद्र पुरी, निदेशक वैभव शर्मा ने भव्य स्वागत किया। पंजाब से आए बीन बैंड की धुन के साथ आगवानी करते हुए कुलपति प्रो. ओंकार सिंह और उपाधियों को शोभायात्रा के रूप में कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान और विश्विद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ। छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान कर बधाई देते हुए हुए कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि रामानंद इंस्टीट्यूट कम फीस में छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इसके लिए संस्था साधुवाद के पात्र हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में योग्य बनाने के शिक्षकों के साथ-साथ आपको अपने अभिभावकों का भी कृतज्ञ होना चहिए। कहा कि डिग्री लेकर शैक्षणिक यात्रा बंद न करें, पढ़ते रहें। अध्ययनरत छात्र भी पूरे मनोयोग से पढ़ाई करें। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संस्था के छात्र-छात्राएं लगातार उन्नति की नई बुलंदियों को प्राप्त कर रहे हैं। तकनीकी विश्वविद्यालय के दिशा निर्देशों के अनुसार छात्र छात्राओं को गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने और उनका चहुंमुखी विकास करने के लिए संस्थान कटिबद्ध है। निदेशक वैभव शर्मा ने स्वागत भाषण में इंस्टीट्यूट की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि छात्र जीवन में हर कोई डिग्री मिलने का इंतजार करता है। आज उपाधिधारक छात्रों के लिए यादगार दिन है साथ-साथ चिंतन और मनन का भी दिन है। इंस्टीट्यूट की स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए निदेशक वैभव शर्मा ने कहा कि वंचित व निर्धन वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुरु निरंजन देव वेलफेयर सोसायटी ने वर्ष 2008 में रामानंद इंस्टीट्यूट की नींव रखी थी। जिसे पूरी क्षमताओं के साथ साकार किया जा रहा है। इस दौरान कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने उपाधिधारकों को शपथ दिलाई कि अपने तकनीकी ज्ञान का प्रयोग सत्यनिष्ठा से मानव सेवा के लिए करेंगे। इसके बाद सांस्कृतिक उत्सव के तहत अलग-अलग विभागों के छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य पेश करते हुए माहौल में रंग जमा दिया। देवभूमि उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा को छात्र-छात्राओं ने साक्षात मंच पर उतारा तो पूरा परिसर भक्तिमय हो गया। देशभक्ति और फिल्मी गीतों की धुन पर भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर एसएमजेएन पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के सदस्य आरके शर्मा, प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा, डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा ने भी छात्र छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के विजेताओं के साथ-साथ एकेडमिक और विभागीय स्तर पर मैनेजमेंट विभाग से कृति जैन, कॉमर्स से हिमानी चौहान, बी फार्मा से प्रियंका देवी, डी फार्मा से नैना, बीटेक से सचिन कुमार विश्नोई, पॉलिटेक्निक विभाग से संदीप बर्मन, सर्वाधिक सेवा के तौर पर अमित कुमार आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं को पुरस्कृत किया गया। सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने पर फार्मेसी विभाग को निरंजनी ट्रॉफी से नवाजा गया।इस अवसर पर निदेशक वैभव शर्मा, अश्वनी जगता, आरए शर्मा, डॉ मयंक गुप्ता, मनुज उनियाल, सूरज राजपूत, सचिन विश्नोई, कुसुम, मनोज, प्रियंका, शिल्पा, अश्वनी, नवीन, साक्षी, अंकित, अमित, हिमानी, हिमांशु, कविता, कोमल, कृति, रक्षिता, रोहित, विवेक, हर्षिल, संदीप, संगीता, शिव, श्वेता, दिव्या, नैना, मंजीत, अनुराधा, कनिष्का, प्रज्वल, रेणुका, शगुन, विश्वजीत, मोनिका, पवन, निशि, संजय, सौरभ, शिखा, रबिता, शिवांगी, क्षितिज, दीपक, तुबा, प्रज्ञा, सुशील, तरन्नुम, दिनेश, दीपक, राहुल, आशु, मयंक, शिवानु दीप आदि का सहयोग रहा।