भेल ईडी का तालिबानी फरमान, दुकानदार-खोखा स्वामियों का हो रहा उत्पीड़न..
रात 9 बजे ही बंद कराई जा रही दुकानें, लोग परेशान, दुकानदारों को नुकसान..

पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार, भेल ईडी प्रवीण झा के तालिबानी फरमान से खोखा स्वामियों-दुकानदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा होना तय है। भेल संपदा विभाग ने ईडी का फरमान बताते हुए 8.50 से नौ बजे तक प्रतिष्ठान बंद कराने का ऐलान जारी कर दिया गया है।

बकायदा सोमवार को संपदा विभाग की टीम घूम घूम कर खोखा एवं शॉपिंग सेंटर को बंद कराने में जुटी है। इस अजीबोगरीब तालीबानी फरमान के पीछे की वजह अब तक साफ नहीं है, न ही भेल संपदा विभाग की प्रतिष्ठानों को बंद करने की कोई गाइडलाइन है।

भेल संपदा विभाग पिछले कई दिन से अलग अलग वजह से सुर्खियों में है। कुछ माह पूर्व भी भेल संपदा विभाग ने खोखा मार्किंट जबरन एक सप्ताह के लिए बंद करा दी थी। उस वक्त ख्रोखा स्वामियों को अच्छा खासा आर्थिंक नुकसान हुआ था।

अब सोमवार को फिर से संपदा विभाग ने प्रतिष्ठानों को जबरिया बंद करने का अपना हुक्म जारी कर दिया। खोखा मार्किंग को 8.50 बजे बंद करा दिया गया और शॉपिंग सेंटर की दुकानों के शटर नौ बजे तक गिरवा दिए गए। पूछने पर संपदा विभाग के अधिकारियों ने ईडी प्रवीण झा का हुक्म बताते हुए दुकानदारों को डराया धमकाया कि यदि विरोध करने की जुर्रत की तो उनकी किराएदारी खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में दुकानदारों ने अपने मुंह सिले हुए है।

इस तालीबानी फरमान का असर भेलकर्मियों पर भी देखने को मिला। जब वे खरीददारी के लिए निकलते तब उन्हें खोखा मार्किंग एवं शॉपिंग सेंटर बंद मिले। इस हुक्म भी केवल भेल सेक्टर एक के लिए ही था, जबकि अन्य सेक्टरों में इस तरह की कोई गतिविधि नहीं की गई।

ईडी प्रवीण झा के बताए जा रहे इस अजीबोगरीब फरमान से हर कोई सकते है और यदि ऐसा हेाता रहा तो दुकानदारों के समक्ष आर्थिंक संकट खड़ा होना तय है। बड़ा सवाल यह है कि भेल की दुकानों खोखों के टाइम टेबिल की कोई नीति है वह स्पष्ट करें। पर, आज तक इस तरह का टाइम टेबिल लागू नहीं हुआ। इस पूरे प्रकरण के पीछे दूसरे खेल की बू आ रही है।