पंच👊नामा
सुल्तान:- हरिद्वार: शहर में विकास कार्यों को लेकर सवाल उठाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और अपने राजनीतिक गुरु मदन कौशिक के निशाने पर आए पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया अब खुलकर मैदान में आ गए हैं। उन्होंने फेसबुक पर बाकायदा भाजपा हाईकमान के नाम पोस्ट लिखते हुए हरिद्वार विधानसभा से प्रत्याशी बनाने का आग्रह किया है।
वहीं, पद से हटाने के बाद कन्हैया खेवड़िया के समर्थन में लोगों ने सोशल मीडिया पर “आई स्टैंड विद कन्हैया” ट्रेंड चला दिया है। कन्हैया को जितनी तेजी से समर्थन मिल रहा है, उससे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक अपने घर में ही घिरते नजर आ रहे हैं।
दूसरी खास बात यह है कि अभी तक चार बार के विधायक व दो बार के मंत्री और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सामने इस तरह खुलकर दावेदारी करने की हिम्मत भाजपा में कोई नहीं जुटा पाता था। अन्य सीटों पर बात करें तो भारतीय जनता पार्टी में टिकट के दावेदारों में खींचातानी की स्थिति है,
लेकिन हरिद्वार में मदन कौशिक को ही अजय मान लिया गया है। शहर में नशाखोरी से लेकर विकास कार्यों को लेकर समय-समय पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया ने सच बोलने के साथ ही इस मिथक को तोड़ने का काम भी किया है। शायद इसी का खामियाजा उन्हें पिछले दिनों अपना पद गंवाकर भुगतना पड़ा है। दरअसल, कन्हैया ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर में ऐसा कोई विकास कार्य नहीं है, जिसको उपलब्धि के तौर पर गिनाया जा सके।
स्वाभाविक है कि कन्हैया का यह सवाल सीधे तौर पर मदन कौशिक के चारों कार्यकाल पर एक बड़ा सवालिया निशान है। साथ ही दिन-रात मदन कौशिक के विकास कार्यों की माला जपने वालों के दावों पर भी जोरदार तमाचा है। इसका नतीजा यह हुआ कि कन्हैया को संगठन में पद से हटा दिया गया। लेकिन इस साफगोई को दबाना मदन कौशिक के लिए नुकसानमंद साबित होता नजर आ रहा है। क्योंकि कन्हैया के समर्थन में लगातार लोग फेसबुक पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। लगातार मिल रहे समर्थन से लबरेज कन्हैया खेवड़िया रविवार को खुलकर मैदान में आ गए। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर भाजपा हाईकमान से उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने का आग्रह किया।
चंद मिनट में ही इस पोस्ट पर कमेंट की भरमार हो गई और लोग कन्हैया को भावी विधायक के तौर पर शुभकामनाएं भी देने लगे हैं। दरअसल कन्हैया राजनीति में मदन कौशिक के शिष्य माने जाते हैं और उनके इस तरह मैदान में आकर टिकट का दावा ठोकने से भाजपा में हलचल पैदा हो गई है। देखने वाली बात यह होगी कि चुनावी राजनीति के धुरंधर और विरोधियों को अपने सियासी जाल में फंसाने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बतौर इस तिकड़म से कैसे पार पाते हैं। शहर की राजनीति में चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है कि क्या वाकई कन्हैया खेवड़िया मदन कौशिक का विकल्प होने जा रहे हैं। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी कन्हैया की हिम्मत और हौसले की सराहना खुलकर कर रहे हैं।
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“कम उम्र में हासिल किया मुकाम…
कम उम्र में ही हरकी पैड़ी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र का पार्षद बनने वाले कन्हैया में समाजसेवा का जज्बा और जुनून कूट-कूट कर भरा है। यही वजह है कि तीर्थ पुरोहित समाज भी खुलकर कन्हैया के समर्थन में खड़ा है। बहुत कम समय में उन्होंने राजनीति में अपनी एक नई पहचान बनाई है।
युवाओं में कन्हैया पहले ही खासे लोकप्रिय हैं और उनके समर्थन में लगातार जिस तरह लोग सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि कन्हैया की दावेदारी को हाईकमान नजरअंदाज नहीं कर पाएगा।