
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब भाजपा में मुख्यमंत्री बनाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भाजपा के कई नेता अचानक सीएम पद की दौड़ में शामिल हो गए, तो कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी ताल ठोक दी है। इसी बीच एक विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाने की शर्त पर अपनी सीट छोड़ने की पेशकश भी कर डाली है।
यह विधायक हैं डोईवाला से पहली बार जीते ब्रज भूषण गैरोला। गैरोला को त्रिवेंद्र सिंह रावत का करीबी माना जाता है और खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत डोईवाला से पिछली बार विधायक बनने के बाद ही मुख्यमंत्री बने थे। ब्रज भूषण गैरोला ने कहा कि यदि पार्टी नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पुनः प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाता है, तो वह उनके लिए डोईवाला सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 4 वर्ष तक एक ईमानदार सरकार चलाते हुए प्रदेश में विकास कार्य किया है। यदि पार्टी हाईकमान पुनः त्रिवेंद्र पर भरोसा जताते हुए मुख्यमंत्री बनाने के लिए हामी भरता है तो वह डोईवाला सीट छोड़ने के लिए तैयार है और यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।
वहीं, सीएम पद की दौड़ में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा हरिद्वार से पांचवी बार जीत दर्ज कराने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का नाम भी शामिल है।जबकि इन सब “गुणा-भाग” से परे भाजपा का एक बड़ा खेमा फिर से पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहता है। क्योंकि भाजपा ने पूरा चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर ही लड़ा और पूर्ण बहुमत मिलने के पीछे पुष्कर सिंह धामी का कार्यकाल सबसे अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई रैलियों में पुष्कर सिंह धामी को ही अगला मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर चुके हैं। इसलिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ पुष्कर सिंह धामी ही लेंगे। बाद में किसी सीट खाली कर उन्हें चुनाव लड़ाया जाएगा। देखने वाली बात यह होगी कि सीएम का ताज फिर से धामी के सिर पर सजेगा या फिर कोई धुरंधर अपनी तीरंदाजी में कामयाब हो पाएगा।