हरिद्वार

दफ्तर अधिकारी और ठेकेदार की जुगलबंदी: पार्किंग के नाम पर अवैध उगाही, अधिकारी खामोश..

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पंच👊नामा-पिरान कलियर: लोगों की आस्था और उनकी व्यवस्था के मद्देनजर मौजूद दरगाह दफ्तर मात्र एक शो-पीस बनकर रह गया है। दफ्तर में तैनात अधिकारी को न तो आने वाले जायरिनों की आस्था का ख्याल है और ना ही उनकी व्यवस्था का, ऐसे में जायरीनों का शोषण लगातार जारी है। बिडम्बना ये है कि सबकुछ जानते हुए भी अधिकारी तमाशबीन बने हुए है। ये माजरा आस्था की नगरी, विश्व प्रसिद्ध तीर्थ पिरान कलियर में नजर आता है। जायरीनों की सहूलियत के लिए व्यवस्थाओं पर लाखों-करोड़ों खर्च किए जाते है, लेकिन उन्ही व्यवस्थाओं पर दफ्तर की कारगुजारी ऊँठ के मुंह मे जीरा दिखाई पड़ती है। दफ्तर के नियम खूब दफ्तर कर्मियों पर लागू नही होते, ऐसे में किसी ओर से नियमों का पालन कराए जाने की उम्मीद कराना बेईमानी होगी।
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ठेकों के नियम “ढाक के तीन पात…
जब दरगाह प्रबंधन तंत्र वार्षिक ठेकों की नीलामी करता है तो प्रत्येक ठेकों पर लम्बी चौड़ी शर्ते लागू करता है, उन्ही शर्तो पर ठेके नीलाम होते है, लेकिन उन शर्तो का पालन कितना किया, या कराया जाता है उसका अंदाजा उच्चाधिकारियों को नही है। गौरतलब है कि इस साल दरगाह प्रबंधन ने कई ठेकों के साथ फोर व्हीलर का ठेका ऑनलाइन छोड़ा था, इस फोर व्हीलर ठेके में करीब 20 शर्तो वाला पत्र ठेकेदार को सौंपा गया था, उसे बताया गया था कि यदि ये ठेका आप चलाते है तो इन शर्तों का पालन करना होगा, शर्तो के अनुरूप कार्य करने पर ठेके को निरस्त भी किया जा सकता है। अब अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो माह बीत जाने के बाद भी एक छोटी सी शर्त “रेट लिस्ट” लगाना, अभी तक अमल नही किया गया, ऐसा नही है कि दरगाह दफ्तर अधिकारी को इसकी जानकारी नही है, बल्कि जानकारी होने के बाद भी वो शर्तो का पालन नही कराना चाहते..?
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अधिक वसूली…….
लगातार शिकायत मिलने के बाद भी सम्बंधित अधिकारियों का लापरवाही वाला रवैया जायरिनों की जेबों पर भारी पड़ रहा है। पार्किंग स्थल पर रेट लिस्ट ना होने के कारण ठेकेदार और उसके कर्मी अधिक शुल्क वसूल रहे है, सूत्र बताते है कि 30 और 50 कि जगह 50 और 100 रु. शुल्क वसूला जा रहा है। जब जायरीन रेट लिस्ट देखने की मांग करता है तो उसके साथ बदसलूकी भी की जाती है।
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क्या कहते है अधिकारी…
दरगाह कार्यालय में तैनात कार्यवाहक प्रबंधक मौ. शफीक का कहना है कि कई बार पार्किग ठेकेदार को रेट लिस्ट लगाने के लिए कहा गया है, अंतिम बार और चेतावनी दी जाएगी यदि उसके बाद भी रेट लिस्ट नही लगाई जाती तो ठेकेदार को नोटिस दिया जाएगा, रेट लिस्ट लगाना ठेके की शर्तों में शामिल है, अगर ऐसा नही किया जाता तो उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उचित कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

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