पंच 👊 नामा
सुल्तान: हरिद्वार:- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने भले ही हरिद्वार ग्रामीण सीट से टिकट की दावेदारी में मैदान मार लिया हो, लेकिन चुनाव जीतने के लिए सबसे ज़रूरी कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतने में वह अभी कामयाब नहीं हो पाई हैं। पिछले चुनाव में अनुपमा से हुए विवादों की टीस कार्यकर्ताओं के मन में शूल की तरह चुभ रही है। हालांकि, इसे पार्टी के प्रति वफादारी कहें या फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का सम्मान, कि नाराज़ होने के बावजूद कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात रखने से बच रहे हैं, लेकिन उनके मन में कई तरह की शंकाएं बनी हुई हैं।
हरिद्वार ग्रामीण सीट पर साल 2017 का चुनाव तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लड़ा। इस चुनाव में लगभग 12 हजार वोट से हरीश रावत की हार के पीछे कई प्रमुख कारणों के साथ-साथ एक बड़ी वजह कार्यकर्ताओं की अनुपमा से नाराजगी को भी माना जाता है। उस दौरान कई विवाद पूरे प्रदेश में चर्चाओं का विषय रहे। हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के एक नेता को दीवार कूदकर पुलिस से अपनी जान बचानी पड़ी थी। पैर में चोट लगने के कारण नेता घायल भी हुए और कई दिन भूमिगत रहकर मामले का निस्तारण करना पड़ा। एक मुस्लिम नेता की दारोगा से पिटाई कराने का मामला भी कई महीनों तक गरमाया रहा। साथ ही एक पूर्व जिलाध्यक्ष को भरी सभा में बेइज्जत करने से भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा हुई। अब जबकि हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अनुपमा रावत का टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है, ऐसे में कार्यकर्ताओं को पिछले चुनाव के वह तमाम विवाद फिर से याद आ रहे हैं। उन्हें कई तरह के डर भी सता रहे हैं। हालांकि यह बात दीगर है कि अनुपमा रावत से जिन जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं के पिछले चुनाव में विवाद हुए उनमें से ज्यादातर अब सरेंडर कर चुके हैं और खुलकर बोलने की स्थिति में नहीं है। अलबत्ता चुनाव जीतने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपनाते हुए कई पुराने दुश्मनों को गले लगाने पड़ते हैं और पुराने गिले-शिकवे भी दूर करने जरूरी होते हैं। टिकट के साथ-साथ अपनी जीत तय मान कर चल रही अनुपमा रावत इस नजरिए से अभी काफी पीछे चल रही हैं। देखना यह होगा कि कार्यकर्ता अनुपमा रावत को इस चुनाव में कितना स्वीकार कर पाते हैं।
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अम्बूवाला के नेताजी टीम से आउट……
हरिद्वार: पिछले चुनाव में और हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने तक अंबूवाला गांव के एक नेता जी अक्सर उनके अगल-बगल नजर आते थे। इस चुनाव में नेताजी दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। चर्चा है कि इन नेताजी को हरीश रावत टीम से आउट कर दिया गया है।