कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं पर बाग-बाग शिवभक्त बोले “थैंक्यू धामी जी..
स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा की मिसाल बनी कांवड़ यात्रा— मुख्यमंत्री धामी की “ग्रीन एंड क्लीन यात्रा” का सपना हो रहा साकार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: श्रावण मास में आयोजित हो रही कांवड़ यात्रा इस बार प्रशासन की सजगता और तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के चलते श्रद्धालुओं के लिए विशेष अनुभव बनती जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच—“ग्रीन एंड क्लीन कांवड़ यात्रा”—को अमल में लाने के लिए जिला प्रशासन ने हर स्तर पर अभूतपूर्व तैयारियां की हैं। यात्रियों को न केवल बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि हरिद्वार की छवि भी साफ-सुथरे, व्यवस्थित तीर्थ के रूप में उभर रही है।
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यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं से खुश हुए कांवड़िए, जताया आभार…..हरिद्वार पहुंचे शिवभक्तों और श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार की व्यवस्थाएं पहले से कहीं बेहतर हैं। साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, प्रकाश व्यवस्था और शौचालयों की उपलब्धता के चलते यात्रा सुगम और सहज बन पाई है।
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यात्रा एप बना श्रद्धालुओं का डिजिटल साथी…..प्रशासन द्वारा निर्मित कांवड़ यात्रा मोबाइल एप यात्रियों के लिए एक बहुमूल्य संसाधन बनकर सामने आया है। यह एप रूट मैप, आपातकालीन सेवाएं, लोकेशन ट्रैकिंग और महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध करा रहा है। इस एप के माध्यम से यात्री पहले से अधिक आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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डीएम व एसएसपी फील्ड में कर रहे लगातार निरीक्षण….जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल लगातार यात्रा मार्गों पर निगरानी रखे हुए हैं। निरीक्षण के साथ-साथ वे विभिन्न माध्यमों से पल-पल की स्थिति की समीक्षा भी कर रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो और यात्रा निर्विघ्न संपन्न हो।
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कंट्रोल रूम व हाईटेक निगरानी से हर गतिविधि पर नज़र….कांवड़ मेला क्षेत्र में चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष सक्रिय है। सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से रियल टाइम निगरानी की जा रही है, जिससे सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक की कोई गुंजाइश नहीं बचती। प्रशासन की यह हाईटेक निगरानी प्रणाली व्यवस्था की पारदर्शिता और नियंत्रण का प्रतीक बन चुकी है।
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हर कोने में स्वच्छता की विशेष व्यवस्था…..नगर निगम हरिद्वार द्वारा इस बार रिकॉर्ड स्तर पर सफाईकर्मियों और संसाधनों की तैनाती की गई है—1650 पर्यावरण मित्र, 215 डस्टबिन, 90 कूड़ा वाहन, 180 टिनशेड शौचालय, 58 सार्वजनिक शौचालय, 8 स्मार्ट टॉयलेट, 40 मोबाइल टॉयलेट और 120 एफआरपी शौचालय। इसके अलावा जिला पंचायत ने 19 स्थायी शौचालयों, 6 अस्थायी शौचालयों और 7 चेंजिंग रूम्स की व्यवस्था भी की है।
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स्वास्थ्य सेवाएं सतर्क, हर मोड़ पर तैनात मेडिकल टीम….पूरे मेला क्षेत्र में 29 अस्थायी चिकित्सा शिविर, 89 डॉक्टर, 117 फार्मेसिस्ट और 150 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। 66 एम्बुलेंस लगातार गश्त कर रही हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी में तुरंत सहायता दी जा सके।
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रोशनी से जगमग हर रास्ता, सुरक्षा बनी प्राथमिकता…..कांवड़ मार्गों और पार्किंग स्थलों पर रात के समय सुरक्षित आवागमन के लिए 7500 स्ट्रीट लाइट और 100 जनरेटर लगाए गए हैं। यह व्यवस्था यात्रियों के लिए राहतदायक साबित हो रही है।
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संवेदनशीलता, सजगता और समर्पण का संगम……कांवड़ यात्रा इस बार केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रशासनिक प्रतिबद्धता और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच का प्रतिबिंब बन चुकी है। हर पहलू पर गहन सोच और तैयारी ने इसे एक “मॉडल यात्रा आयोजन” के रूप में स्थापित किया है, जिसकी सराहना श्रद्धालु दिल खोलकर कर रहे हैं।