उत्तराखंड

ग्रेड पे की मांग पर सस्पेंड सिपाही की पत्नी ने दी अनशन की चेतावनी, साथ आये संगठन..

कार्रवाई से गर्म हुआ मुद्दा, जन संघर्ष मोर्चा ने लगाया पुलिसकर्मियों के उत्पीड़न का आरोप..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ग्रेड पे की मांग को लेकर पत्रकार वार्ता करने वाली आशी भंडारी के सिपाही पति कुलदीप भंडारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के बाद यह मुद्दा फिर से गर्म हो गया है। सस्पेंड सिपाही की पत्नी ने तानाशाही का आरोप लगाते हुए गांधी पार्क में अपने बच्चों सहित आमरण अनशन की चेतावनी दी है। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने पुलिस कर्मियों की मांगों का समर्थन में विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जिससे पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है।

फाइल फोटो

रविवार को कुछ पुलिसकर्मियों के परिजन देहरादून में प्रेस क्लब के पास एक रेस्टोरेंट में इकट्ठा हुए और उन्होंने पत्रकार वार्ता कर सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर चमोली पुलिस लाइन में तैनात सिपाही दिनेश चंद, एससीआरबी देहरादून में तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और एसडीआरएफ उत्तरकाशी में तैनात कुलदीप भंडारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद सभी को चेतावनी भी जारी की गई है।

फाइल फोटो

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फाइल फोटो

डीजीपी से मिली महिलाएं…
सिपाहियों पर कार्रवाई से खफा महिलाएं सोमवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर आंदोलन करने के इरादे से पहुंची। कुछ देर तक वह बाहर खड़ी रहीं। उस वक्त डीजीपी बैठक में व्यस्त थे। इसके बाद उन्हें भीतर बुलाया गया। प्रतिनिधिमंडल के रूप में गई महिलाओं से डीजीपी ने करीब आधे घंटे तक वार्ता की। इसमें उन्हें पुलिस के नियमों को बताया और समझाया गया। इसके बाद महिलाएं वहां से लौट आईं।
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कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई….
सिपाहियों पर कार्रवाई आचरण नियमावली के तहत की गई है। नियमावली की धारा 5 (2) और 24 (क) में ऐसे प्रावधान हैं। इन धाराओं में व्याख्या है कि कोई पुलिसकर्मी किसी संगठन का हिस्सा नहीं बन सकता है। धारा 24 में बताया गया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सिवाय उचित माध्यम से और ऐसे निर्देशों के अनुसार जिन्हें राज्य सरकार समय-समय पर जारी करे, निजी रूप से या अपने परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी को कोई आवेदन नहीं करेगा।
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खुलकर पैरवी में उतरा जन संघर्ष मोर्चा….
जन संघर्ष मोर्चा के नेताओं ने विकासनगर में बाकायदा पत्रकार वार्ता करते हुए पुलिस कर्मियों की मांगों को जायज ठहराया और निलंबन पर सवाल उठाए। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष व जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर अक्टूबर 2021 को फिल्म पुष्कर धाम में एसीपी लाभ दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक घोषणा को धरातल पर उतारना तो दूर, पुलिस कर्मियों का उत्पीड़न (निलंबित कर) किया जा रहा है। पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी एएसआई का पद विभागीय ढांचे में विद्यमान नही है, जिस कारण उनको अगला ग्रेड पे 4600 अनुमन्य होना चाहिए। विसंगति के चलते कार्मिकों को 10-15 हजार का आर्थिक नुकसान प्रतिमाह होना लाजिमी है, क्योंकि पुलिस विभाग में अराजपत्रित अधिकारियों/ कर्मचारियों पर स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था लागू नहीं है और पदोन्नति के सोपान भी अन्य विभागों की तुलना में बहुत कम हैं। अधिकांश पुलिसकर्मी भर्ती के पद से ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। नेगी ने कहा कि सरकार वित्तीय रोना रोती है, लेकिन जब विधायकों/ मंत्रियों के वेतन, भत्ते, पेंशन इत्यादि में बढ़ोतरी की बात होती है तो एकदम बिल पेश हो जाता है। नेगी ने कहा कि सरकार को कर्मियों का उत्पीड़न बंद कर तत्काल अपनी घोषणा पर अमल करना चाहिए। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, भीम सिंह बिष्ट व अमित जैन मौजूद थे।

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