
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: अग्निवीर बनने के लिए भर्ती आए युवक को चोरी के आरोप में हिरासत में लेने और फिर युवक के पुलिस हिरासत से भागकर गंगा में कूदने के मामले में लक्ष्मण झूला थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक संतोष कुंवर और तपोवन चौकी प्रभारी आशीष चौहान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

बीते अगस्त माह में उत्तराखंड के कई जिलों में अग्निवीर बनने के लिए युवाओं ने भर्ती दी थी। उत्तरकाशी के चौड़ियाट, धौंतरी, पट्टी गाजणा, तहसील डूंडा निवासी केदार भी भर्ती देने के लिए कोटद्वार आया था। 21 अगस्त को केदार व उसका दोस्त निलेश ऋषिकेश में तपोवन क्षेत्र के एक होटल में ठहरे थे। परमार्थ निकेतन आश्रम के दानपात्र से चोरी के आरोप में पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। तपोवन पुलिस चौकी से उसे लक्ष्मण झूला थाने ले जाया गया।

वहां अचानक थाने से भागकर केदार ने गंगा में छलांग लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में केदार के पिता लक्ष्मण् सिंह ने पौड़ी सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर कर थानाध्यक्ष, होटल प्रबंधक, साथ में आए केदार के दोस्त और एक उप निरीक्षक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश शुक्ला की अदालत ने सुनवाई करते हुए लक्ष्मणझूला के तत्कालीन थाना प्रभारी संतोष सिंह, तपोवन चौकी प्रभारी आशीष चौहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा है कि जांच में कोई और भी संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।