
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जमीन खरीदने और बिकवाने के नाम पर भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाले एक शातिर गैंग का खानपुर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। फिल्मी अंदाज में धोखाधड़ी करने वाले इस गैंग ने पथरी के बहादरपुर जट से लेकर खानपुर तक अपना जाल बिछाया हुआ था।

मजेदार बात यह है कि गैंग के सदस्यों के किरदार पहले से तय होते थे। कोई ग्राहक तो कोई प्रॉपर्टी डीलर का रोल अदा करता था। फर्जीवाड़े की इस फिल्म में चिल्ड्रन बैंक के चूरन वाले नोटों को दिखाकर सेठ जी का किरदार अदा करने वाले एक शातिर को खानपुर थानाध्यक्ष मनोहर रावत के नेतृत्व में गोवर्धनपुर पुलिस चौकी प्रभारी प्रवीण रावत की टीम ने धर दबोचा। जबकि गैंग के मास्टरमाइंड मुर्तजा समेत कई अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। अभी तक अनगिनत लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुका यह गैंग पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है।

पुलिस कप्तान प्रर्मेंद्र डोबाल ने पुलिस टीम को शाबाशी दी है। साथ ही यह भी तय हो गया है कि जल्द ही आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
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एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि वसीम अहमद पुत्र निसार अहमद निवासी ग्राम अब्दुर रहीमपुर ने कुछ दिन पहले अपने साथ हुई 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी के संबंध में खानपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच गोवर्धनपुर चौकी प्रभारी प्रवीन रावत को सौंपी गई थी।

पड़ताल में सामने आया कि मुर्तजा निवासी ग्राम जट बहादरपुर, कय्यूम पुत्र शाबिर अली व शाबिर अली निवासी मुकरपुर और सेठ जी उर्फ रोमी चौहान निवासी सोनालीनीपुरम रुड़की जमीन के नाम पर धोखाधड़ी करने के लिए गैंग बनाकर अपराध करते है, जो आमजनता के भोले भाले लोगों को जमीन खरीद फरोख कर निवेश करने व लाभ अर्जन के लुभावने दिखाते हैं।

सौदा होने पर बच्चों वाले नोट दिखाकर सेठ बनने वाले रोमी चौहान पुत्र एन्थोनी चौहान उम्र 60 वर्ष निवासी सोनालीपुरम म0न0 411 आईआईटी रुडकी हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में सेठ जी उर्फ रोमी ने स्वीकार कि वह फर्जी ग्राहक बनकर लोगों के साथ गैग बनाकर षडयन्त्र करते हुए ठगी करते हैं। अपने गैंग और धंधे से जुड़े कई और लोगों के नाम भी उसने पुलिस को बताए हैं। इन सबकी धरपकड़ में पुलिस टीम जुट गई है।
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विश्वास जीतने के लिए करते थे फर्जी पार्टनरशिप…..

सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल ने बताया कि गैंग इतना शातिर है कि शिकार को फसाने के बाद उसका विश्वास जीतने के लिए आपस में ही किसी व्यक्ति को पार्टनर बनाकर उसकी रकम लगवाई जाती थी। ताकि रकम देने वाले शिकार को यह लगे कि सौदा असली है। उसे यह भी भरम रहता है कि यदि पैसे डूबेंगे तो नुकसान पार्टनर को भी होगा। जबकि इस रकम को चारे के तौर पर डाला जाता था।

शिकार फंसने के बाद चार वापस लेकर मुनाफा बांट लिया जाता। मुर्तजा के खिलाफ पथरी थाने में भी धोखाधड़ी की कई शिकायते पहले से चल रही हैं। सरगना मुर्तजा इतना शातिर है कि मुकदमा दर्ज होने से पहले ही कोर्ट में सरेंडर डालने से लेकर पुलिसकर्मियों की शिकायत डालने का काम वह बहुत तेजी के साथ करता है। गैंग की अपने कई विश्वसनीय वकील हैं, जो इस तरह के धंधे में उनका पूरा सहयोग करते थे। पुलिस उनकी भी कुंडली खंगाल रही है।
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चिल्ड्रन नोट 10 गड्डियो, नोट पैड डायरी व 500 रुपये के 04 नोट कुल 2000 रुपये बिल बाउचर पीली धातु की 02 चेन 03 जैन्टस अंगूठी व 01 हाथ का कडा
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पुलिस टीम……

1-उ0नि0 मनोहर सिंह रावत –थानाध्यक्ष खानपुर
2-उ0नि0 प्रवीण रावत –विवेचक /चौकी प्रभारी गोवर्धनपुर
3- कानि0 अरविन्द रावत