हरिद्वार

“कलियर दरगाह में पीआरडी जवान की नियुक्ति में प्रबंधक ने किया “खेल” डीएम के निर्देश पर जांच में खुला फर्जीवाड़ा, लटकी कार्रवाई की तलवार..

जांच में कई अनियमितताओं का भी हुआ खुलासा, जिलाधिकारी ने दिए सख्त वसूली और सुधार के आदेश..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार/रुड़की: विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक, पिरान कलियर की व्यवस्थाओं में अनियमितताओं को लेकर लंबे समय से उठ रहे सवालों के बीच पीआरडी जवान की तैनाती में दरगाह प्रबंधक की ओर से “खेल” का खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया है कि प्रबंधक रजिया बेग ने बिना अनुमति न सिर्फ पीआरडी जवान को तैनाती दी, बल्कि सरकारी खजाने से उसका वेतन भी जारी कराया। जिलाधिकारी ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दरगाह प्रबंधक से इस रकम की वसूली के आदेश जारी किए हैं। भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर होने से आप दरगाह प्रबंधन पर कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है।जिलाधिकारी के संज्ञान में आया था कि दरगाह में तैनात पीआरडी जवान शाहरुख की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई थी, जिसकी अनुमति न तो सक्षम प्राधिकारी से ली गई और न ही कोई वैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई। इतना ही नहीं, उस जवान को मार्च 2024 तक दरगाह कोष से जो मानदेय भुगतान किया गया, उसे भी अनियमित और दरगाह को वित्तीय क्षति पहुंचाने वाला पाया गया। जांच समिति ने इस संपूर्ण गड़बड़ी के लिए दरगाह प्रबंधक रजिया बेग को दोषी ठहराया है।जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी हरिद्वार ने जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पीआरडी जवान को दिए गए समस्त वेतन/मानदेय की वसूली दरगाह प्रबंधक रजिया बेग से की जाए और उसे एक सप्ताह के भीतर दरगाह के अधिकृत खाते में जमा कराया जाए। इसके साथ ही अन्य बिंदुओं पर चल रही जांच को एक माह के भीतर पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और तीन माह के भीतर ऐसे सक्षम अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे वित्तीय व्यवस्थाओं का समुचित ज्ञान हो।प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक आस्थाओं से जुड़े स्थलों की व्यवस्थाएं पूर्ण पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और ईमानदारी से संचालित की जानी चाहिए। दरगाह जैसे प्रतिष्ठित स्थल पर वित्तीय गड़बड़ियों और प्रशासनिक लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।गौरतलब है कि स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और दुकानदारों ने दरगाह प्रबंधक रजिया बेग पर वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप लगाते हुए पूर्व में धरना-प्रदर्शन किया गया था। इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार ने संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई थी। सौंपी गई जांच के आधार पर ये आरोप सिद्ध हुआ है। जिसपर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए आदेश जारी किया है।

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