
पंच👊नामा-ब्यूरो
गंगा तट पर बने शमशान घाट पर शव का अंतिम संस्कार कर रहे लोगों पर पार्षद पति व कुछ अन्य दबंगों ने पत्थर व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने चिता की आग बुझाते हुए अंतिम संस्कार भी रुकवा दिया। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर अंतिम संस्कार कराया। यह अधर्म और अमानवीय घटना उत्तराखंड की योग नगरी ऋषिकेश में सामने आई है। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि पार्षद पति फरार है।
पुलिस के मुताबिक, ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी भवानी चंद की माता का गुरुवार को देहांत हो गया था। उनका अंतिम संस्कार चंद्रेश्वर स्थित श्मशान घाट पर किया जा रहा था। आरोप है कि घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान नगर निगम की महिला पार्षद के पति किशन मंडल अपने अन्य साथियों के साथ वहां आ गया और अंतिम संस्कार करने से मना करते हुए चिता को बुझाने का प्रयास किया। पुजारी के परिजनों ने विरोध किया तो पत्थर से चिता को बुझाने लगे। आरोप है कि इसी बीच किशन मंडल ने धारदार हथियार और लोहे की रोड से अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोगों पर हमला कर दिया। जिससे 13 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। बाद में पुलिस ने अंतिम संस्कार कराया और तहरीर के आधार पर किशन मंडल, जितेंद्र, अनिल व प्रदीप को नामजद करते हुए 25 अन्य लोग के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। देहरादून एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने संदीप पुत्र मुन्ना सिंह, जितेंद्र पुत्र स्व. रामवृक्ष व सुनील पुत्र गणेश्वर को चंद्रेश्वर नगर शमशान घाट के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी किशन मंडल अभी फरार है, उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।