
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर में आरडी और फिक्स डिपॉजिट के नाम पर करोड़ों के निवेश का सपना दिखाकर दर्जनों लोगों से धोखाधड़ी करने वाली धेनु एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड प्रकरण में सीबीसीआईडी को बड़ी सफलता मिली है। करीब सात साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी अभियुक्त और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार तिवारी को सीबीसीआईडी टीम ने मुंबई के कल्याण क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।
मामला वर्ष 2018 में कोतवाली ज्वालापुर में दर्ज हुआ था। धेनु एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड ज्वालापुर के संचालकों पर स्थानीय नागरिकों से आरडी और फिक्स डिपॉजिट के नाम पर रकम जमा कराकर अलग-अलग स्कीमों के फर्जी बॉन्ड, सर्टिफिकेट और रसीदें थमाने का आरोप है। जांच में सामने आया कि निवेशकों से करीब 12.26 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) सीबीसीआईडी देहरादून कर रही है। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार तिवारी और सीईओ देवेंद्र प्रकाश तिवारी ने योजनाबद्ध तरीके से लोगों को भ्रमित कर धनराशि जमा कराई। विवेचना में कंपनी और उसकी सहवर्ती इकाइयों की भूमिका सामने आने के बाद गंभीर आर्थिक अपराधों की धाराओं में दोनों को वांछित घोषित किया गया था।
लगातार फरारी के चलते अपर पुलिस महानिदेशक स्तर से दोनों आरोपितों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अनिल कुमार तिवारी और देवेंद्र प्रकाश तिवारी के खिलाफ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 10 मुकदमे दर्ज बताए गए हैं, जिनमें नौ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हैं। अन्य मामलों की जानकारी जुटाई जा रही है। लगभग सात वर्षों से फरार आरोपी की तलाश में सीबीसीआईडी ने कई राज्यों में संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी।
खंडाधिकारी अपराध अनुसंधान विभाग देहरादून मनोज कुमार ठाकुर के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई और मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया। इसी बीच सूचना मिली कि अनिल कुमार तिवारी महाराष्ट्र के कल्याण क्षेत्र में छिपा हुआ है। पुख्ता सूचना के आधार पर सीबीसीआईडी की टीम ने 7 दिसंबर 2025 को कल्याण, जिला ठाणे (महाराष्ट्र) से अनिल कुमार तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे ठाणे के सक्षम न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लिया गया है।
इसके बाद आरोपी को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए हरिद्वार लाया जा रहा है। गिरफ्तारी टीम में निरीक्षक वेद प्रकाश थपलियाल, अपर उपनिरीक्षक सुरेश स्नेही, कांस्टेबल करमवीर सिंह और चालक मनोज कुमार शामिल रहे। सीबीसीआईडी अधिकारियों ने बताया कि निवेशकों से जुड़ी इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों में बाकी आरोपियों की तलाश भी जारी है और जल्द ही उन्हें भी कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।



