“पिरान कलियर: दशकभर बाद खत्म हुआ थाने के प्रशासनिक भवन का इंतज़ार — रखी गई थाने के नए भवन की नींव..
प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में डीएम–एसएसपी ने किया भूमि पूजन व शिलान्यास..

पंच👊नामा
पिरान कलियर: लंबे समय से चौकी-केंद्रित प्रणाली में संचालित पिरान कलियर थाना अब स्थायी प्रशासनिक भवन पाकर संभ्रांत होगा। 2015 में धनौरी व इमलीखेड़ा चौकियों के समावेश से स्थापित इस थाने को दस साल बाद अपना नया भवन मिलने जा रहा है। शुक्रवार को मुख्य चौक स्थित चिन्हित थाना भूमि पर विधिवत पूजन के बाद नव-निर्माणाधीन भवन का शिलान्यास एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने संयुक्त रूप से किया।
शिलान्यास कार्यक्रम में एसपी देहात शेखर सुयाल, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा, एएसपी सीओ सदर जितेंद्र चौधरी, सीओ रुड़की नरेंद्र पंत, सीओ मंगलौर विवेक कुमार, सीओ निशा यादव, रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेठ, नगरपंचायत ईओ कुलदीप चौहान, लेखपाल गुलफ्शाह व अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
मौका, माहौल और प्रशासन की मौजूदगी……
शुक्रवार का दिन पिरान कलियर के लिए ऐतिहासिक रहा — मुख्य चौक पर जुटी भारी प्रशासनिक उपस्थिति के बीच शिलान्यास की फिज़ा रही। समारोह से पूर्व स्थल पर पूजा-अर्चना कराई गई और स्थानीय परंपरा के अनुसार शुभ मुहूर्त में भूमि पर नवनिर्माण भवन की नींव रखी गई। उपस्थित लोगों ने इस कदम को क्षेत्रीय सुरक्षा, प्रशासनिक सुगमता व विकास की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताया।
सुरक्षा, त्वरित सेवा और आधुनिक व्यवस्था पर फोकस: SSP
शिलान्यास के बाद एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने कहा “स्थायी भवन से पुलिसिंग और आपात प्रतिक्रिया में गुणात्मक सुधार होगा। उन्होंने बताया कि भवन में सीसीटीवी, रिकॉर्ड रूम, अलग से एफआईआर-बंदी काउंटर और महिला शिकायत के लिए सुविधाएं सुनिश्चित की जाएँगी। उन्होंने बताया भीड़भाड़ वाले आयोजनों (कांवड़ यात्रा, उर्स/मेले) में त्वरित कार्रवाई व समन्वय आसान होगा। क्षेत्रीय सुरक्षा योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिन मामलों में प्रशासनिक या विधिक कार्रवाई आवश्यक हुई, उसे अनुशासनपूर्वक पूरा किया जाएगा। – उन्होंने थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार व स्थानीय पुलिस टीम के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “उनके जीवंत प्रयासों से ही आज यह उपलब्धि संभव हुई।
पारदर्शिता, नियमन और विकास संबंधी आश्वासन…..
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शिलान्यास के बाद कहा: यह भवन केवल ईंट-सीमेंट का ढांचा नहीं, बल्कि लोक-सेवा का केंद्र होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्माण कार्य में सभी नियम, टेंडरिंग और निरीक्षण पारदर्शिता के साथ होंगे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि भूमि की वैधानिक स्थिति स्पष्ट कराई जा चुकी है और अब यह क्षेत्रीय प्रशासन के लिए आरक्षित है। उन्होंने स्थानीय नेताओं और जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन और जनता के समन्वय से ही विकास का लक्ष्य पूरा होगा।
विवाद और राजनीति — कैसे खत्म हुई जमीन पर अड़चनें….
थाना भूमि को लेकर पिछले वर्षों में राजनीतिक उठापटक और कानूनी दखल-अंदाजी के कई उदाहरण रहे। कुछ लोगों ने भूमि स्थानांतरण की मांग करते हुए उच्चस्तरीय हस्तक्षेप भी किए — राजनीतिक दबाव से लेकर हाईकोर्ट तक तक़रीबन सभी रास्ते अपनाए गए। लेकिन वर्तमान थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार के अथक प्रयासों ने तीन महीने पूर्व इसी स्थान को कब्जा मुक्त कराकर उसकी हदबंदी कराई, जिससे कानूनी-प्रशासनिक मार्ग साफ़ हुआ और आज शिलान्यास संभव हुआ। स्थानीय स्रोतों का कहना है कि यह प्रयास प्रशासन व कानून की जीत है — और भूमि को लेकर जारी राजनीति पर प्रति-खिंचाव का प्रभाव पड़ा।
थाने के भवन से मिलेंगी प्रमुख सुविधाएँ….
शिलान्यास के बाद जो सुविधाएँ स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों को मिलेंगी, उनमें कांवड़ मार्ग से सीधा संपर्क होने के कारण तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था सरल बनेगी। उर्स/मेले के समय अस्थायी मेला-कोतवाली की आवश्यकता समाप्त होगी, जिससे व्यवस्थापन सुचारु होगा। फरियादियों व जायरीनों को जल्द निपटान के लिए केंद्रीकृत सेवा केंद्र। पुलिस स्टाफ के लिए व्यवस्थित कार्यालय-कक्ष, विश्राम कक्ष व लॉजिस्टिक सुविधाएँ स्थापित होंगी।
पृष्ठभूमि — थाना की स्थापना और राजनीतिक पहल….
गौरतलब है कि पिरान कलियर थाना की स्थापना 2015 में धनौरी व इमलीखेड़ा चौकियों को मिलाकर हुई थी। उस समय एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने उद्घाटन किया था। यह निर्णय तब कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद के प्रस्ताव पर लिया गया था। स्थापना के बाद से थाना पूर्व-स्थान पर ही संचालन कर रहा था, लेकिन स्थायी भवन की मांग वर्षों से उठती रही — और अब चिन्हित भूमि पर स्थायी भवन का शिलान्यास कर उस मांग को कानूनी व प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के कड़े आश्वासनों के साथ अब स्थानीय प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि सुरक्षा-विकास और जनसेवा प्राथमिकता होगी। राजनीतिक उठापटक के बावजूद, कानून और प्रशासनिक प्रक्रिया से भूमि सुरक्षित कर के आगामी निर्माण की राह साफ कर दी गई है — और पिरान कलियर के लिए यह बदलती तस्वीर स्थानीय भरोसे और व्यवस्था की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।



