पंच👊नामा
पिरान कलियर: चुनावी अखाड़ा दिन-ब-दिन गर्माता जा रहा है। हर उम्मीदवार अपने प्रचार में जोर-शोर से जुटा है और साम, दाम, दंड, भेद की रणनीतियां अपनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा। वादों, इरादों और आरोप-प्रत्यारोप की गूंज से सियासी माहौल सरगर्म है। ऐसे में एक नाम जिसने खासा हलचल मचा दी है, वह है निर्दलीय उम्मीदवार नगमा, जिन्हें मैदान में उतारा है उनके पति नाजिम त्यागी ने।
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नाजिम त्यागी: जनसरोकारों का चेहरा और राजनीति का अनुभवी खिलाड़ी…..कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद नाजिम त्यागी ने हार नहीं मानी और अपनी पत्नी नगमा को चुनाव में उतारकर अपना दमखम दिखाया है। नाजिम त्यागी का नाम क्षेत्र की जनता के लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं। उन्होंने वर्षों तक जनता के बीच रहकर उनकी सेवा की है और हर वर्ग की समस्याओं को हल करने में सक्रिय रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें सभी बिरादरियों का समर्थन खुलकर मिल रहा है। उनका लगातार बढ़ता जनाधार विरोधी खेमे में बेचैनी का कारण बन गया है।
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“केतली” का करिश्मा: युवा मतदाताओं का बढ़ता उत्साह…..नगमा का चुनाव चिन्ह “केतली” इस बार चर्चा में है। युवाओं के बीच इस प्रतीक ने लोकप्रियता हासिल कर ली है। प्रचार में जुटे समर्थक और स्वयं नाजिम त्यागी क्षेत्र में हर घर, हर गली में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान के साथ वह मुद्दों और विकास के वादों पर चर्चा कर रहे हैं।
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राजनीतिक समीकरण और रणनीति….इस चुनाव में नाजिम त्यागी की मजबूत पकड़ और जनसमर्थन के चलते विरोधी खेमा अपनी रणनीतियों में बदलाव करने को मजबूर हो रहा है। उनका प्रभावशाली जनसंपर्क अभियान और जनता से जुड़ाव उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में स्थापित कर रहा है। हालांकि, टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय रूप से मैदान में उतरना उनके लिए एक चुनौती थी, लेकिन जनता का भरपूर समर्थन उनके आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दे रहा है।
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सियासी सरगर्मियों का खेल जारी….कलियर में चुनावी बिसात पर बाजीगरों की चालें तेज हो चुकी हैं। हर दांव-पेच में जनता की नब्ज पकड़ने की होड़ लगी हुई है। नाजिम त्यागी का बढ़ता कारवां और युवाओं का “केतली” को लेकर उत्साह इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना रहा है। अब यह देखना बाकी है कि जनता के विश्वास की यह लहर निर्दलीय नगमा को जीत के किनारे तक ले जा पाती है या नहीं।