पिरान कलियर: मच्छरों का दिन-दहाड़े आतंक, नगरपंचायत सोया कुंभकर्णी नींद, कीटनाशक का नामोनिशान नहीं..!

पंच👊नामा
पिरान कलियर: गर्मी का पारा चढ़ा नहीं कि पिरान कलियर में मच्छरों की “सरकार” बन गई। हालत ये है कि दिन हो या रात, हर वक्त मच्छरों की “फौज” लोगों पर हमला बोल रही है। और नगरपंचायत शायद नींद की गहरी खुमारी में किसी और ही दुनिया में विचरण कर रही हैं।हर साल की तरह इस बार भी मलेरिया, डेंगू और टाइफाइड जैसी जानलेवा बीमारियाँ मुंह खोले खड़ी हैं, लेकिन प्रशासन अभी तक कीटनाशक छिड़काव करवाने की जहमत नहीं उठा पाया है।
ऐसा लगता है कि प्रशासनिक सिस्टम तब ही जागेगा जब हालात हाथ से निकल जाएंगे—और अफसोस की बात ये है कि तब तक कई जिंदगियाँ बर्बाद हो चुकी होंगी। चूंकि हर साल डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से कई लोग मौत की आगोश में समा जाते है..!
स्थानीय लोग मच्छरों से त्रस्त हैं—इतने कि अब तो दिन के उजाले में भी चैन की सांस लेना मुश्किल हो गया है। सूर्यास्त के साथ ही मच्छरों की “बारात” निकलती है और हर गली, हर घर में उत्पात मचाती है। लेकिन नगरपंचायत.? तो मानो कुम्भकर्ण की आत्मा से प्रेरणा लिए सोया पड़ा है।
स्थानीय निवासियों ने नगरपंचायत अधिकारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से दो टाइम कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की माँग की है। साथ ही साफ-सफाई व्यवस्था को भी पटरी पर लाने की गुहार लगाई है।
“जब मच्छर प्रशासन से ज्यादा सक्रिय हो जाएं, तो समझ लीजिए कि सिस्टम का ब्लड प्रेशर लो हो गया है! “अब देखना ये है कि नगरपंचायत कब जागती है—बीमारियों के विस्फोट के बाद या जनता के आक्रोश के बाद..?