उत्तराखंड

अस्पताल की छत से गिरा प्लास्टर, छाता लगाकर इलाज कर रहे डॉक्टर…

बड़ा हादसा होने का सता रहा डर..

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अस्पताल की छत से गिरा प्लास्टर, छाता लगाकर इलाज कर रहे डॉक्टर…

:बड़ा हादसा होने का सता रहा डर..

पंच👊नामा.. रिपोर्ट:- लवजीत शर्मा
लक्सर। रेलवे का अस्पताल जर्जर हो चुका है। अंग्रेजों के जमाने के बने इस अस्पताल की बिल्डिंग को समय-समय पर देखरेख नहीं होने के कारण बारिश का पानी छत से टपक रहा है। दीवारों में सीलन होने से मरीज सहित स्टाफ परेशान है। सोमवार की रात हुई भारी बारिश से अस्पताल की छत पर भारी पानी एकत्र हो गया। जो जगह-जगह से चूने लगा। अस्पताल में आए मरीजों का बैठना मुश्किल हो गया वही चिकित्सक द्वारा भी मरीजों को अस्पताल के बाहर छतरी लगाकर मरीजों को देखना पड़ा।

मरीजों का कहना था कि अस्पताल की छतें इतनी कमजोर हो चुकी हैं जिसके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन इस ओर कोई भी रेलवे विभाग का अधिकारी देखने को तैयार नहीं है। विगत दिनों मुरादाबाद एवं दिल्ली की स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौका मुआयना करने पहुंची थी इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तैनात सीनियर डिवीजन मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर संदीप मेहता ने अस्पताल के ऊपर जमी घास को मजदूरों से हटवाया था। लेकिन अब फिर से अस्पताल के चारों ओर बड़ी-बड़ी घास उग आई है। जिस कारण जहरीले मच्छरों ने जहां जन्म ले लिया है वही सांप जहरीले कीड़ों का भय बना रहता है। संजय सालार, अरुण कुमार, कमला सिंह, जितेंद्र तोमर तथा सुनील कुमार ने बताया कि अस्पताल के चारों ओर घास जमी होने के कारण दिन में सांप निकलते रहते हैं। लेकिन रेलवे विभाग के उच्चाधिकारी इसके मेंटेनेंस कराने पर कोई ध्यान नहीं दे रहे जिस कारण कभी भी अस्पताल की बिल्डिंग भरभरा कर गिर सकती है जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।

क्या कहते हैं रेलवे अधिकारी
सहायक मंडल अभियंता राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि अस्पताल के चारों ओर घास को कटवाया जाएगा बिल्डिंग की मरम्मत के लिए टीम को भेजा जाएगा अगर मेंटेनेंस होने वाली होगी तो उसका मेंटेनेंस कराया जाएगा।

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