प्रयागराज महाकुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी व 13 अखाड़ों के संतों से मिले पीएम मोदी..
कुंभ की तैयारी पर संतों से की चर्चा, दिव्य और भव्य कुंभ संपन्न कराने का दिलाया भरोसा..
पंच👊नामा-ब्यूरो
प्रयागराज: आगामी महाकुंभ-2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में तेरह प्रमुख अखाड़ों के श्री महंतों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। यह मुलाकात न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने वाली रही, बल्कि महाकुंभ के आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को भी दर्शाती है। इस मुलाकात में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज सहित सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी न केवल देश, बल्कि विश्व स्तर पर सनातन धर्म की पताका फहरा रहे हैं। उनके नेतृत्व में यह महाकुंभ आयोजन भारतीय संस्कृति को और अधिक गौरवशाली बनाएगा।
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महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारियां……प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर संतों से चर्चा की और आयोजन को आध्यात्मिक, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं का उल्लेख किया। श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा, “महाकुंभ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हर बार लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर पुण्य अर्जित करते हैं। इस बार प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में महाकुंभ का आयोजन पहले से अधिक भव्य और सुरक्षित होगा।”
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प्रधानमंत्री ने संतों और महंतों से आशीर्वाद लेते हुए कहा, “महाकुंभ केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। यह आयोजन भारतीय परंपरा और आधुनिकता का संगम होगा।”
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संतों का प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास…..
प्रधानमंत्री की इस पहल से संत समाज ने महाकुंभ को लेकर सरकार पर अपना विश्वास जताया। सभी महंतों ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धार्मिक आयोजनों को संरक्षित और समृद्ध बनाने के प्रयास हो रहे हैं, जिससे भारत की सनातन संस्कृति को विश्व मंच पर गौरव प्राप्त हो रहा है।
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श्रद्धालुओं को दिया प्रधानमंत्री ने निमंत्रण……
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं से महाकुंभ में भाग लेने का अनुरोध करते हुए कहा, “यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसमें हर व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति के लिए पुण्य अर्जित कर सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ का आयोजन भारत की परंपराओं, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण होगा।
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महाकुंभ का वैश्विक महत्व…..
संतों ने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा के दौरान महाकुंभ के वैश्विक महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल भारत की संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा, बल्कि यह विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारतीय परंपराओं और आध्यात्मिकता से परिचित कराएगा।
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आधुनिकता और परंपरा का संगम……
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि इस बार महाकुंभ में आधुनिक सुविधाओं और पारंपरिक मूल्यों का संतुलन होगा। श्रद्धालुओं के लिए बेहतर परिवहन, आवास, स्वच्छता और सुरक्षा जैसी सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
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संतों ने दिया मोदी को आशीर्वाद….
मुलाकात के अंत में तेरह अखाड़ों के संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद दिया और उनके प्रयासों की सराहना की। संतों ने कहा कि महाकुंभ-2025 एक दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन होगा, जो भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और ऊंचाई तक ले जाएगा।