डकैतों की तलाश में पुलिस ने झौंकी ताकत, भावी मेयर प्रत्याशियों में मुफ्त की सिरफुटौव्वल..
पीड़ित से ज्यादा नेताओं को चिंता, बालाजी शोरूम से होकर गुजरता दिख रहा कुर्सी का रास्ता..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: श्री बालाजी ज्वैलर्स शोरूम में दिनदहाड़े डकैती डालने वाले बदमाशों की धरपकड़ में पुलिस ने रात दिन एक किया हुआ है। अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही पुलिस टीमों को ना तो खाने की फुर्सत है और ना ही नींद लेने का समय।
इधर हरिद्वार में पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल लगातार पुलिस टीमों से अपडेट लेकर निर्देश दे रहे हैं। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह पुलिस टीमों के बीच कोआर्डिनेशन बनाए हुए हैं।
पीड़ित व्यापारी भी इस भाग दौड़ से वाकिफ है और पुलिस की इस मशक्कत की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक को है। लेकिन हरिद्वार में मेयर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कुछ नेताओं के बीच अलग ही नूराकुश्ती चल रही है।
उन्हें रोजाना अलग-अलग बयान जारी करना है, कोई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तो उसके साथ बातचीत करते हुए फोटो खींच कर फेसबुक पर अपलोड करना है। कहीं से भनक लगे कि पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं तो तुरंत क्रेडिट लेने के लिए आस्तीन चढ़ा लेना है।
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस एक तरफ बदमाशों और दूसरी तरफ नगर निगम चुनाव की राजनीति से जूझ रही है। अब तो कई पूर्व विधायक भी इस प्रतियोगिता में शामिल हो गए हैं। जिससे भावी प्रत्याशियों के बीच कंपटीशन और तेज हो गया है।
हाल यह है कि पीड़ित व्यापारी को खुलासे की इतनी चिंता नहीं है, जितनी नेताओं को हो रही है। लोकल राजनीति में चेहरा चमकाने के लिए कई भाजपा नेता अपनी ही सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े करने से नहीं चूक रहे हैं।
सुबह से शाम तक 4 से 6 इंटरव्यू देकर खुद को व्यापारियों का मसीहा साबित करने की होड़ लगी हुई है। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पीड़ित व्यापारी भी नेताओं को अपनी व्यथा सुना सुना के थक चुके हैं और दूर से देखकर ही हाथ जोड़ देते हैं।
राजनीतिक हल्कों में चर्चाएं हैं कि किसी ने भावी प्रत्याशियों को भ्रमित कर दिया है कि मेयर की कुर्सी का रास्ता श्री बालाजी ज्वेलर्स के सामने की सड़क से ही गुजरेगा। वाकई यह सड़क जाती तो नगर निगम की तरफ ही है, लेकिन पुलिस अपना काम पूरी मेहनत से कर रही है।
नेताओं को यह भी समझना होगा कि केवल उनकी बयानबाजी और लोकल राजनीति के चलते ना तो पीड़ित व्यापारी का कोई भला होगा और ना ही पुलिस को बदमाश पकड़ने में आसानी होगी।