
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पथरी क्षेत्र के ग्राम कासमपुर के प्रधान पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़कर जीतने का आरोप लगा है। आरटीआई का हवाला देते हुए यह दावा किया गया है कि जिस बोर्ड से 2010 में प्रधान के परीक्षा पास करने का दावा किया गया है, वह 2011 में बना है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पथरी थाना में आरोपी प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पुलिस के मुताबिक, गांव निवासी मुसर्रत ने प्रथम अपर सिविल जज (एसडी) हरिद्वार की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया कि वर्ष 2022-23 में ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान उन्होंने मौखिक रूप से अकरम के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी, लेकिन प्रभाव के चलते उनकी आपत्ति दर्ज नहीं की गई। इसके बाद अकरम ग्राम प्रधान निर्वाचित हो गए।
मुसर्रत के अनुसार, उन्होंने महाराष्ट्र राज्य मुक्त बोर्ड ऑफ माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा, पुणे से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी थी। अधिवक्ता विद्यासागर के माध्यम से प्राप्त सूचना में यह स्पष्ट हुआ कि उक्त बोर्ड की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी, जबकि अकरम की हाईस्कूल मार्कशीट मई 2010 की बताई गई है।
सूचना में यह भी बताया गया कि यह बोर्ड केवल कक्षा 5वीं और 8वीं तक के आवेदन स्वीकार करता है, हाईस्कूल परीक्षा की मान्यता नहीं रखता। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत हाईस्कूल प्रमाणपत्र फर्जी है।
मुसर्रत का कहना है कि इस फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर ग्राम प्रधान पद प्राप्त कर गांववासियों के साथ धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने इस प्रकरण की शिकायत थाना पथरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार और जिलाधिकारी हरिद्वार को 19 फरवरी 2025 को की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया।
पथरी थानाध्यक्ष मनोज नोटियाल ने बताया कि मामले की शिकायत प्राप्त हुई है। प्रार्थना पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। यदि दस्तावेज़ फर्जी पाए गए तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।