पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, उसे एक ना एक दिन कानून के शिकंजे में आना होता है। मां की डांट से नाराज होकर घर से निकली ज्वालापुर की एक किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले सहारनपुर के ठेकेदार और मजदूरों ने भी यही सोचा था कि ना तो उनकी काली करतूत किसी के सामने आ पाएगी और ना ही पुलिस के हाथ उनके गिरेबान तक पहुंच सकेंगे। लेकिन ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआई नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने फेसबुक पर लड़की की आईडी बनाकर ऐसा जाल बिछाया कि नाबालिक के चारों गुनाहगार उसमें फंस गए। ब्लाइंड गैंगरेप केस की गुत्थी को अनूठे तरीके से सुलझाने के लिए पुलिस कप्तान डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने पुलिस टीम की पीठ थपथपाई है।
एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि ज्वालापुर क्षेत्र से मां की डांट से नाराज़ होकर 10वीं की छात्रा बिना बताए घर से चली गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन छात्रा का अता पता नहीं चल सका था। करीब 20 दिन बाद लापता छात्रा नाटकीय घटनाक्रम के तहत रोडवेज बस स्टैंड पर अपने एक रिश्तेदार को मिली थी। किशोरी ने आपबीती सुनाते हुए मेरठ में गैंगरेप जानकारी दी थी। किशोरी का कहना था कि सहारनपुर से मेरठ जाते समय रोडवेज बस में उसे तीन युवक मिले थे, वह उनके साथ मेरठ चली गई थी।।
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भरोसा जीत कर चंगुल से निकली पीड़िता…..
हरिद्वार: किशोरी 18 दिन तक दरिंदों के बीच फंसी रही और उनकी हवस का शिकार बनती रही। ज्यादा लंबे समय तक किशोरी को बंधक बनाकर रखने से आरोपियों को अपने पकड़े जाने का खतरा भी पैदा हो गया था। इसलिए एक आरोपी ने सलाह दी कि अब किशोरी को छोड़ दिया जाए। पहले से ही आजाद होने की भीख मांग रही किशोरी ने आरोपियों को भरोसा दिलाया कि वह किसी को इस बारे में नहीं बताएगी। गनीमत रही कि आरोपियों ने उस पर विश्वास कर लिया और जाने दिया। आरोपियों को जरा भी शक होता कि पीड़िता आपबीती बयान कर देगी तो शायद वह उसे मौत के घाट उतारने से भी गुरेज ना करते। ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआई नितेश शर्मा ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर हरिद्वार लाया जा रहा है। शनिवार की सुबह उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुराने किशोरी के परिवार को भरोसा दिलाया कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने का प्रयास करेंगे।