पंच👊नामा-ब्यूरो
: सियासत और पुलिस में एक कहावत बड़ी मशहूर है, खेती करे कोई और फसल काटे कोई और। एक मलाईदार थाने की पुलिस टीम ने लाखों की घटना खोलने में अपने घोड़े दौड़ा दिए, मेहनत रंग लाई और सफलता भी मिली, बड़े साहब ने पीठ थपथपाई लेकिन यह क्या। टीम को इनाम का लड्डू दिलाने के बजाय छोटे साहब ने खुद ही सीना ठोक कर इनाम की डिमांड रख डाली। माना कि गर्मी बहुत है और “गर्मी भगाऊ उपकरण के बिना काम चलाना मुश्किल है, पर उपकरण की जिम्मेदारी पुलिस टीम के कंधों पर डालने का क्या औचित्य। खैर अब मलाईदार थाना चला रहे हैं तो थानेदार की भी कुछ जिम्मेदारी है, उन्होंने साहब के मुंह से निकली बात पूरी कर दी। पर इतने में पीछे कहां छूटने वाला था। एक के बाद दो और दो के बाद तीन… थानेदार को तीन-तीन उपकरण का इंतजाम कर अपनी जान छुड़ानी पड़ी। माना कि थानेदार जोश और जुनून से भरपूर हैं, उनके “राइट हैंड भी युवा तुर्क होने के चलते किसी मामले में कम नहीं। लेकिन नियम यह कहता है कि मेहनत करने वालों को ही फल मिलना चाहिए। अब साहब को कौन समझाए, वो ठहरे अपने जमाने के खुर्राट। हर गली का रास्ता मालूम है, किस मोहल्ले से घुसकर कौन सी कॉलोनी से निकलना है, यह छोटे साहब को अच्छी तरह पता है। पर यह भी है कि तेल तो तिल से ही निकलता है। तिल से याद आया कि तिल-तिल कर के ही घड़ा भरता है। कुल मिलाकर तीन-तीन गर्मी भगाऊ उपकरण की व्यवस्था महकमे में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। फिलहाल साहब गर्मी भगाऊ उपकरण का आनंद ले रहे हैं और थानेदार साहब अपनी मस्ती में मस्त हैं।
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