
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
दिनेश वर्मा एडवोकेट, हरिद्वार: भूत प्रेत उतारने के नाम पर युवती से अश्लील हरकत और दुष्कर्म करने के मामले में ज्वालापुर पुलिस की ओर से लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। दरअसल पुलिस ने पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराए बगैर ही फाइल बंद कर दी। यहां तक कि उसका मेडिकल भी नहीं कराया गया इस मामले में कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।

ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र निवासी पीड़िता ने अपनी अधिवक्ता सारिका वर्मा एडवोकेट के माध्यम से कोर्ट में शिकायत देकर बताया था कि साल 2020 में उसकी तबीयत खराब होने पर किसी ने बताया कि भूत प्रेत का असर है और तांत्रिक को दिखाना होगा। इसी सिलसिले में उसके पिता की मुलाकात धनपुरा निवासी फारुख से हुई। आरोप है कि फारुख में तंत्र मंत्र से भूत प्रेत उतारने का झांसा देते हुए उसके साथ अश्लील हरकत करते हुए दुष्कर्म किया।

काफी दिन बाद पीड़िता की स्थिति सामान्य होने पर उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पुलिस ने सुनवाई ना होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच की और पैसों के लेनदेन का मामला मानते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि पुलिस ने जांच के दौरान ना तो पीड़िता का मेडिकल कराया और ना ही 164 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में उसके बयान दर्ज कराएं। यह प्रक्रिया कराने का कोई ठोस कारण भी पुलिस नहीं बता पाई है। पीड़िता की अधिवक्ता सारिका वर्मा एडवोकेट ने बताया कि एसीजेएम रवि रंजन ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त करते हुए दोबारा जांच के आदेश ज्वालापुर पुलिस को दिए हैं।