
पंच👊नामा ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: विधानसभा चुनाव और नई सरकार गठन के बाद जिले के थाना कोतवालियों में पहली बार हुए फेरबदल को यूं तो रूटीन तबादलों का नाम दिया जा रहा है। लेकिन इसके पीछे कई तरह की कहानियां चर्चाओं में बनी हुई हैं। यह बात सही है कि कई इंस्पेक्टर और दरोगाओं को उनकी काबिलियत और परफॉर्मेंस के आधार पर नई जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन यह भी सच है कि भाजपा के सत्ता में वापसी के चलते कई कोतवाल व थानेदारों की कुर्सियां हिलने से बच गई हैं। इसी से जुड़ा दूसरा पहलू यह है कि सत्ताधारियों से “एडजस्ट ना कर पाने के कारण भी कईयों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। पुलिस महकमे और राजनीतिक हल्कों में यह चर्चाएं जोरों पर है कि रानीपुर विधायक आदेश चौहान की “हां में हां ना मिलाना कोतवाल कुंदन सिंह राणा को भारी पड़ा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि चुनाव के आसपास झगड़े की कुछ घटनाओं में “मनमाफिक काम ना होने से विधायक आदेश चौहान कोतवाल कुंदन राणा से खफा चल रहे थे। तबादलों की पहली सूची में विधायक के नाराजगी रानीपुर कोतवाली में अदला-बदली के रूप में नजर आई है।
हालांकि, नए कोतवाल अमर चंद शर्मा के साथ रुड़की रहते हुए भाजपाइयों का विवाद खूब चर्चाओं में रहा था। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि नए कोतवाल अमर चंद शर्मा स्थानीय विधायक से तालमेल बनाने में कितने फीसद कामयाब हो पाते हैं।
वहीं, पिरान कलियर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र राठी की विदाई के पीछे उनकी खराब परफॉर्मेंस को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। बताया गया है कि क्षेत्र में पिछले कुछ समय से चोरी की ताबड़तोड़ घटनाएं हुई। चोरों ने दुकान का ताला तोड़कर लाखों की बैटरियों पर हाथ साफ कर दिया था। ढाबा कारोबारी के घर से भी लाखों का माल चोरी हुआ। क्षेत्र में तमंचे के बल पर लूट की कई घटनाएं हुई। सट्टेबाजी चरम पर होने की रिपोर्ट भी आला अधिकारियों के कानों तक पहुंच रही थी। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में अवैध खनन के एक मामले को लेकर भी ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से पुलिस की शिकायत की थी। अपने कार्यकाल में धर्मेंद्र राठी ने स्मैक बेचने वाले कुछ धंधेबाजों को ज़रूर पकड़ा, लेकिन एक सभासद पर नजरे इनायत का मामला सुर्खियों में रहा। यहां तक की खबर छापने पर एक पत्रकार के खिलाफ तहरीर पुलिस को दे दी गई। इसके साथ ही थाने के इर्दगिर्द मीडियेटरो का जमावड़ा भी खूब चर्चाओं में रहा। सूत्र बताते हैं कि इन तमाम कारणों से ही धर्मेंद्र राठी का विकेट गिरा है।
दूसरी तरफ ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआई नितेश शर्मा को उनके बेहतरीन कार्यों का इनाम बहादराबाद थानाध्यक्ष की कुर्सी के रूप में मिला है।
इसी तरह गैस प्लांट चौकी प्रभारी अरविंद रतूड़ी को भी देर से ही सही आखिरकार वाजिब कुर्सी सौंपी गई।
देहरादून से ट्रांसफर होकर आए अनुभवी इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को भगवानपुर के खराब हालात को देखते हुए नाजुक मौके पर अहम जिम्मेदारी के तौर पर संवेदनशील थाने की कमान दी गई है।
खानपुर थानाध्यक्ष रहे संजीव थपलियाल इससे पहले भगवानपुर जैसा बड़ा थाना चला चुके हैं। इसलिए खानपुर उनके वजूद के हिसाब से हल्का थाना माना जा रहा था। झबरेड़ा थाने के रूप में उनकी एक दमदार थाने में वापसी हुई है।
जबकि, इंस्पेक्टर राजीव रौथाण कई अलग कारणों से जिले में “लैंडिंग करते ही महत्वपूर्ण मंगलौर कोतवाली का चार्ज झटकने में कामयाब रहे हैं। जल्द ही कई और थाना-कोतवालियों के अलावा पुलिस चौकियों में बदलाव की सुगबुगाहट सुनी जा रही है।