पंच 👊 नामा ब्यूरो
जेल में काशीपुर के विचाराधीन कैदी की मौत बंदी रक्षकों की पिटाई से हुई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर हुई न्यायिक जांच में यह बात सामने आई है कि जेल कर्मी मृत अवस्था में ही उसे अस्पताल ले गए। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बंदी रक्षकों को दोषी मानते हुए जांच रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए सीजेएम नैनीताल को सौंप दी है । काशीपुर कोतवाली के कुंडेश्वरी निवासी प्रवेश कुमार को पाक्सो के मामले में गिरफ्तार कर हल्द्वानी जेल – भेजा गया था। छह मार्च को वहां – उसकी मौत हो गई। 24 मई 2021 को मामले में न्यायालय के आदेश पर हल्द्वानी थाने में बंदीरक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मृतक की पत्नी , भाई , विचाराधीन बंदियों , दोष सिद्ध बंदी , पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर , सीएमओ समेत 17 लोगों के बयान लिए। जांच में सामने आया कि पांच मार्च को गिरफ्तारी के बाद एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में उसका चिकित्सीय परीक्षण किंया। तब प्रवेश के शरीर पर चोट नहीं थी वह स्वस्थ था। हल्द्वानी जेल में दाखिला करते समय चिकित्सीय परीक्षण में यह अंकित किया कि उसकी कमर में रगड़ का निशान था और कोई चोट नहीं थी । जांच रिपोर्ट में यह भी अंकित है। कि बंदी रक्षकों ने प्रवेश की पिटाई की और उसे बांधकर बैरक में डाल दिया फिर बाहर निकालकर उसकी पिटाई की। शरीर पर काफी चोट लगने से मौके पर ही दम तोड़ दिया। जेल प्रशासन प्रवेश को मृत अवस्था में जेल के बाहर ले गया। गवाह को जेल प्रशासन ने 18 मार्च को हरिद्वार जेल में शिफ्ट कर दिया था। इस संबंध में कोई आदेश न्यायिक जांच के दौरान पेश नहीं किया। जांच में निष्कर्ष सामने आया है कि प्रवेश के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर उसकी हत्या की गई।