“पूर्व विधायक की अभद्रता के विरोध में खड़ा हुआ जनमत, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं, कार्रवाई की मांग तेज..
मामला तूल पकड़ने से असहज हुए भाजपा नेता, पुलिस महकमे में मची हलचल, लोग पूछ रहे सवाल, अफसर ने क्यों नहीं दिया जवाब..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रवाना होने के चंद मिनट बाद सत्ताधारी दल के एक पूर्व विधायक द्वारा आईपीएस अधिकारी के साथ की गई कथित अभद्रता का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद आम लोगों में नाराजगी दिख रही है और पुलिस अधिकारी के समर्थन में आवाजें मुखर हो गई हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं और पूर्व विधायक की हरकत को शर्मनाक करार दे रहे हैं।
सोमवार को मुख्यमंत्री के आगमन से कुछ मिनट पहले हेलीपैड पर यह घटनाक्रम हुआ। आरोप है कि वहां मौजूद सत्ताधारी पार्टी के एक पूर्व विधायक ने जिले के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से अमर्यादित भाषा में बातचीत की और अभद्रता की। मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने बीच-बचाव कर किसी तरह स्थिति को संभाला और मामला शांत कराया। हालांकि घटना की जानकारी बाहर आने के बाद यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है।
इस घटना को लेकर आमजन में खासा रोष देखा जा रहा है। हरिद्वार निवासी सचिन चौधरी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि इस तरह की घटनाएं पुलिस का मनोबल तोड़ने वाली होती हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस के अधिकारियों के साथ किसी भी तरह का अपमान समाज के लिए सही संकेत नहीं है और सरकार को ऐसे नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
कई अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों से मर्यादित आचरण की अपेक्षा होती है, खासकर तब जब मामला मुख्यमंत्री के कार्यक्रम और सुरक्षा से जुड़ा हो। पुलिस अधिकारियों के साथ इस तरह का व्यवहार संदेश देता है कि सत्ता का दबाव कानून से ऊपर समझा जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है।
वहीं, पुलिस महकमे में भी इस घटनाक्रम को लेकर असहजता का माहौल बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी वर्ग इस बात से आहत है कि ड्यूटी के दौरान उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ सार्वजनिक रूप से अभद्रता की गई। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
फिलहाल यह प्रकरण लगातार चर्चा में बना हुआ है। आमजन, सामाजिक संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स की मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी अधिकारी के साथ इस तरह का व्यवहार दोहराया न जाए और पुलिस बल का मनोबल बना रह सके।



