हरिद्वार

सवाल: ढाई साल में पांच हादसे, तहसीलदार समेत पांच सरकारी कर्मचारियों की मौत..

आखिर क्यों सड़क हादसों में जान गवा रहे हैं हरिद्वार के प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी..

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पंच👊नामा
रुड़की: पिछले ढ़ाई वर्षों में एसडीएम/तहसीलदार के वाहनों से रुड़की लक्सर में 5 दुर्घटनाएं हुई है। जिनमें एक तहसीलदार समेत पांच लोगों की जानें गई है जबकि एसडीएम समेत कई कर्मचारी घायल हुए हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं में सरकारी वाहनों को प्राइवेट लाइसेंसधारी पीआरडी/ चपरासी चला रहे थे किसी भी चालक के पास कामर्शियल ड्राइवरी लाइसेंस नहीं है। लोकतांत्रिक जन मोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि आज की सड़क दुर्घटना में घोषित मैजिस्ट्रेटी जांच में इस गंभीर अनियमितता को भी शामिल किया जाए।
मोर्चा संयोजक ने बताया कि आज हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल एसडीएम लक्सर संगीता कनौजिया की सरकारी गाड़ी का पीआरडी का जवान गांव झबीरण निवासी गोविंद चला रहा था जिसकी मौके पर ही मौत हो गई है। गत वर्ष तहसीलदार रुड़की सुनैना राणा जब नैनीताल से सरकारी गाड़ी से वाया नजीबाबाद बाईपास से रुड़की आ रही थी तो उनकी गाड़ी सुंदर सिंह चपरासी चला रहा था जिसमें तहसीलदार सुनैना राणा चालक सुंदर सिंह तथा ओमपाल अर्दली तीनों की दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसी प्रकार 2 वर्ष पहले तहसीलदार लक्सर अपने निजी वाहन से लक्सर आ रहे थे जिसमें चपरासी त्यागी उनकी गाड़ी चला रहा था दुर्घटना में तहसीलदार व चालक त्यागी भी घायल हुआ था। पिछले ही वर्ष रात को एसडीएम लक्सर को सरकारी गाड़ी में हरिद्वार छोड़कर लक्सर हरिद्वार मार्ग पर चालक होमगार्ड जब लक्सर वापस आ रहे थे तो ट्रक की टक्कर में चालक तथा स्टाफ घायल हो गए थे। एक सड़क दुर्घटना तत्कालीन हरिद्वार एसडीएम प्रत्युष सिंह जब हरिद्वार से रुड़की आ रहे थे तो उनकी गाड़ी उमेश चपरासी चला रहा था पतंजलि के पास आकर एक बाइक वाले की दुर्घटना में मौके पर ही मौत हो गई थी जिसमें बाद में समझौता हुआ था आज भी उमेश सरकारी गाड़ी चला रहा है। मुख्यमंत्री उत्तराखंड से मांग है कि ये भी जांच कराएं कि सरकारी गाड़ियों पर प्राइवेट लाइसेंस धारी पीआरडी के जवान व चपरासियों को चालक क्यों रखे गए हैं ? जबकि सरकारी गाड़ियों को कमर्शियल प्रशिक्षित चालकों का रखा जाना नियमित जरूरी है।

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