उत्तराखंड

“एसएसपी नैनीताल के फरमान पर उठे सवाल, सुराज सेवादल बोला, डीजे–बारात से ज़्यादा स्मैक पर लगाए लगाम, डीजीपी को सौंपा प्रार्थना पत्र, (देखें वीडियो)..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून/नैनीताल: नैनीताल में बारात, डीजे और परंपराओं पर सख्ती का फरमान अब केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डीजीपी कार्यालय तक पहुंच गया है। सुराज सेवादल के अध्यक्ष रमेश जोशी के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी हिमांशु धामी ने एसएसपी मंजू नाथ टीसी के आदेशों को भ्रामक स्थिति पैदा करने वाला बताते हुए सवाल उठाए हैं। कहना है कि पुलिस का काम सामाजिक परंपराओं पर नियम थोपना नहीं, बल्कि नशा, अपराध और कानून-व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण करना है।डीजीपी उत्तराखंड के नाम प्रार्थना पत्र में हिमांशु धामी ने कहा कि पुलिस का दायित्व कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, जबकि नीतिगत निर्णय जनप्रतिनिधियों, शासन और आवश्यक परिस्थिति में जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। आरोप लगाया गया है कि कुछ पुलिस अधिकारी मीडिया और सोशल मीडिया के ज़रिए ऐसे आदेश और बयान जारी कर रहे हैं, जिससे नीतिगत फैसलों जैसा भ्रम पैदा हो रहा है और कानून-व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दे पीछे छूट रहे हैं।प्रार्थना पत्र में प्रदेश में तेजी से बढ़ते नशे को गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। कहा गया है कि स्मैक अब घर-घर तक पहुंच चुकी है। माता-पिता परेशान हैं और युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो रहा है। सीमित मात्रा में नशा पकड़कर उपलब्धि जताने के बजाय ठोस और प्रभावी रणनीति बनाने की जरूरत बताई गई है। साथ ही महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, हत्या और झूठे मुकदमों की घटनाओं का उल्लेख करते हुए इन्हें रोकना प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता होना बताया गया है।नैनीताल में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे आदेश पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज की गई है, जिसमें बारात को 200 मीटर पैदल ले जाने और डीजे-लाइट लगी गाड़ियों पर रोक लगाने की बात कही गई है। सुराज सेवादल का कहना है कि यह सनातन परंपराओं के प्रतिकूल है और इससे बैंड-बाजे से जुड़े सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ेगा।शिकायत में यह सवाल भी उठाया गया है कि बारात में नाचने के कारण हुई किसी गंभीर दुर्घटना या किलोमीटर लंबा जाम लगने का कोई ठोस उदाहरण या वीडियो फुटेज सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। इसके उलट खनन डंपरों से हो रहे हादसे लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन उन पर सख्ती नहीं दिखती। नशा तस्करी और शराब माफिया के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर भी स्पष्ट स्थिति बताए जाने की मांग की गई है। अंत में सुराज सेवादल ने मांग की है कि एसएसपी नैनीताल के इस तरह के आदेशों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और भविष्य में किसी भी प्रकार का आदेश या सार्वजनिक बयान जारी करने से पहले उच्चाधिकारियों से समन्वय कर शासन को अवगत कराया जाए।

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