उत्तरप्रदेश

राधास्वामी सतसंग एसोसिएशन (UPRSA) विषय वस्तु “स्कूल से स्टार्ट-अप तक, इग्साइटिंग यंग माइंड्स” के साथ मनाया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस..

इस खबर को सुनिए

पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तरप्रदेश: हर साल 11 मई को भारत, गर्व के साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है। यह दिन भारतीय विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की याद दिलाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस-2024 के लिए विषय वस्तु (Theme) “स्कूल से स्टार्ट-अप तकः इग्साइटिंग यंग माइंड्स” है। राधास्वामी सतसंग दयालबाग के पूज्य आचार्य, आदरणीय प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब की दूर दृष्टि से प्रेरित और राधास्वामी सतसंग सभा के अध्यक्ष श्री गुर स्वरूप सूद के निर्देशन में, UPRSA ने अक्टूबर 2023 में कार्यक्रम “नॉलेज फॉर चिल्ड्रेन” की शुरुआत की। इन सत्रों का उद्देश्य बच्चों में मूल्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना और कम उम्र से ही युवाओं में नवप्रवर्तन एवं वैज्ञानिक सोच को विकसित करना है। यह प्रमुख कार्यक्रम प्राथमिक से ले कर उच्च विद्यालय स्त्र तक के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम में, मासिक रूप से ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिसमें साइंटिफिक अमेरिकन जैसे प्रतिष्ठित स्रोतों से पठन सामग्री ली जाती है। AI चैटबोट्स, एक्सोप्लानेट्स, माइंड एंड मैटर, भारत के अन्तरिक्ष मिशन, डाइनासोर, कैमेलिड्स आदि जैसे विविध विषयों को, इन सत्रों में, कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों के लिए, सरल भाषा में प्रस्तुत किया जाता है। इस कार्यक्रम में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अप्रैल में एक क्षेत्रीय स्म की विज्ञान प्रदर्शनी और प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए पाँच क्षेत्रीय केन्द्रों में हाइब्रिड मोड (मिश्रित प्रणाली) से स्क्रीनिंग की गयी। UPRSA के लगभग 300 बच्चों की तीन श्रेणियों: जूनियर (कनिष्ठ), मिडिल (माध्यमिक) एवं सीनियर (वरिष्ठ); में 66 टीम बनाई गईं। प्रतियोगिता को 5 सब थीम में बाँटा गया। ए आई इन्नोवेशन (नवप्रवर्तन हेतु क्रत्रिम बुद्धिमत्ता), लाइफ़स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (पर्यावरण हेतु जीवनशैली), सस्टेनेबल सोल्युशंस (चिरस्थायी समाधान), एग्रोएकोलोजी एंड हैल्थ टेक्नालजी (कृषि पारिस्थतिकी एवं स्वस्थ्य तकनीक) प्रतियोगिता का फाइनल 5 मई 2024 को संपन्न हुआ। ये प्रतियोगिता क्षेत्रीय सचिव विकास सिन्हा जी और क्षेत्रीय समन्घ्यक श्रीमती पूजा साहनी के नेत्रत्व में सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता में बच्चों द्वारा एनोरोबिक उपचार, रेजोनेन्स साइंस ऑफ मेडिटेशन, क्लीनिंग फ्यूचर विद सोलर एनर्जी, दयालबाग शैक्षणिक संस्थान की वैबसाइट के लिए पाठ्यक्रम चयन के लिए एक चैटबॉट माडल तथा नेत्रहीनों के लिए स्मार्ट स्टिक जैसे विषयों पर माडल बना कर अपनी सोंच का इनोवेशन (नवप्रवर्तन) की ओर एक कदम आगे बढ़ाया गया। जजों के प्रतिष्ठित पैनल में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारियो, कनाडा के प्रोफेसर अपूर्व नारायण, जॉर्जिया टेक, यूएसए के प्रोफेसर एन अपूर्व रतन और नॉर्थईन यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्रोफेसर आत्मेश श्रीवास्तव के साथ-साथ दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट आगरा के प्रोफेसर सुखदेव रॉय, प्रोफेसर विभा रानी, प्रोफेसर महाराज कुमारी और प्रोफेसर सोना आहूजा शामिल थे। सीनियर स्कूल श्रेणी में, लखनऊ टीम द्वारा ‘प्राचीन तकनीक का प्रसार (एनारोबिक उपचार)’ शीर्षक से विजेता परियोजना ने भूजल को बचाने के लिए एक अभूतपूर्व समाधान प्रस्तुत किया। इस परियोजना को लखनऊ की सत्संग कॉलोनी में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। उपविजेताओं में दयालबाग शैक्षणिक संस्थान की वेबसाइट पर सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों का चयन करने में इच्छुक छात्रों की मदद करने के लिए “एआई चैट बॉट” और नोएडा और आगरा टीमों द्वारा समग्र स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली के प्रोटोटाइप को प्रस्तुत करने वाली परियोजना शामिल थी। मिडिल स्कूल श्रेणी में, आगरा टीम द्वारा ‘रेजोनेंस- साइंस ऑफ मेडिटेशन’ ने पहला पुरस्कार जीता, जबकि देहरादून टीम द्वारा ‘क्लीनिंग फ्यूचर विद सोलर एनर्जी’ उपविजेता रही। जूनियर स्कूल श्रेणी में, गोरखपुर टीम द्वारा ‘होमोसेपियंस टू होमोस्पिरिटुअलिस’ ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि वाराणसी टीम की ‘पैट्रोलिंग पॉल्यूशन’ और नोएडा टीम की ‘एग्रोइकोलॉजी-सस्ट्रेनेबल प्रैक्टिस’ उपविजेता रहीं। पांच उप-विषयों में से प्रत्येक के तहत सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं को भी पुरस्कार दिए गए। समापन समारोह में मुख्य अतिथि राधास्वामी सत्संग सभा के अध्यक्ष श्री गुर स्वरूप सूद ने कहा, “‘नॉलेज फॉर चिल्ड्रन’ जैसी पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के संतुलित विकास के साथ कल के नेताओं का विकास करना है। यूपीआरएसए के अध्यक्ष श्री राकेश नारंग ने कहा, “यह तो बस शुरुआत है। हम बच्चों की प्रतिभा और उत्साह से उत्साहित हैं और इस तरह की बातचीत करने के अपने प्रयास जारी रखेंगे। क्षेत्रीय सचिव श्री विकास सिन्हा ने बच्चों के लिए जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को सरल बनाने में ऑनलाइन सत्रों की सफलता पर प्रकाश डाला, प्रत्येक सत्र में बढ़ती भागीदारी और लाभ के बारे में बताया। क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. पूजा साहनी ने संक्षेप में कहा कि यूपीआरएसए द्वारा आयोजित क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी और प्रतियोगिता ने न केवल स्कूली बच्चों की क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि समाज में मूल्य-आधारित वैज्ञानिक जांच और नवाचार के महत्व को भी मजबूत किया, जिससे एक हरित और स्वस्थ भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त हुआ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!