हरिद्वार

शहर से देहात तक बारिश ने मचाई तबाही, घरों और दुकानों में भारी नुकसान..

नालों पर अवैध कब्जों, अफसर-जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से बदतर हुए हालात..

पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने शहर से देहात तक तबाही मचा कर रख दी है। बाजार में दुकानों और पॉश कॉलोनियों में घुसे बारिश के पानी ने घरों में बारिश नुकसान पहुंचाया। शहर और देहात में कई जगहों पर दीवार गिरने और छत का मलबा गिरने की घटनाएं भी सामने आए हैं। हरिद्वार शहर के निचले इलाकों में बारिश के कारण हुए जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ज्वालापुर में कटहरा बाजार, चौक बाजार, पुरानी घासमंडी आदि बाजारों में भीषण जलभराव से दुकानों में पानी भर गया और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इसी तरह ज्वालापुर की तपोवन नगर कॉलोनी में दर्जनों मकानों में दो से 3 फीट तक पानी भर गया और घरों में रखा सामान खराब हो गया। बारिश के पानी में सांप बिच्छू जैसे विषैले जीव आने के डर से लोगों ने जागकर रात बिताई और दिन भर हालात खराब रहे। दरअसल शहर हो या देहात बारिश के कारण यह स्थिति अचानक ही पैदा नहीं हुई है। इसके लिए कहीं ना कहीं पहले तो आम जनता व्यापारी जिम्मेदार हैं। जिन्होंने नालों पर अवैध कब्जे कर अपने घर और दुकान बना डाले। लोगों ने चंद मीटर की जगह घेरने के लिए अपने साथ-साथ बाकी लोगों को भी खुद को ही मुसीबत में डाल दिया। इसके बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने लापरवाही बरती और अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया। जिसका नतीजा बरसात में जलभराव के कारण भारी नुकसान के रूप में उठाना पड़ रहा है। बारिश से स्थिति विकट होने के कारण अब अधिकारी आनन-फानन में राहत और बचाव कार्य का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अतिक्रमण ईमानदारी से हटाया गया होता, नालों की सफाई ठीक प्रकार से की गई होती तो शायद यह तस्वीर ना होती।

“सड़के बनी तालाब, राहगीर परेशान…..
रुड़की: तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण सड़के तालाब में तब्दील होती नजर आरही है। रुड़की शहर में कई जगह भारी जलभराव से स्थानीय लोगों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रामपुर चुंगी, नैशनल हाइवे पर सड़के तालाब बनी नजर आई। सड़को से होकर गुजरने वाले वाहनों को भी बड़ी दिक़्क़तों का सफर तय करना पड़ा, अधिकतर मोटरसाइकिले ज्यादा पानी होने के कारण बीच रास्ते मे ही खराब हो गई जिन्हें पैदल खिंचते हुए लोग दिखाई दिए। स्थानीय लोगों की माने तो नालों की सफाई न होना भी जलभराव का मुख्य कारण है।

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