पंच👊नामा- पिरान कलियर: साबिर पाक के 753 वें सालाना उर्स में बुधवार को सुबह 10 बजे उर्स की सबसे बड़ी ओर अहम रस्म कुल शरीफ अदा की गई।रस्म में मौजूद हज़ारों अक़ीदतमन्दों ने दरबारे साबरी में अपनी हाज़री ओर कदम बौसी क़बूल करने की दुआ की।
सज्जादानशीन शाह अली मंज़र ऐजाज़ साबरी ने रस्म अदा करने के बाद देश के अमनो अमान की दुआ की इसके बाद बाद दस्तार बंद कव्वाल ने क़व्वाली में साबरी रंग पढ़ा, क़ुल शरीफ़ में मौजूद तमाम सूफी साबरी रंग में सराबोर हो गए। शाम बाद नमाज़े असर दरगाह आस्ताने पर दस्तारबंदी की गई।
साबिर पाक के 753 वे सालाना उर्स में बुधवार सुबह 10 बजे महफ़िल खाने में हजरत साबिर पाक के उर्स की सबसे बड़ी रस्म कुल शरीफ सज्जादा नशीन शाह अली मंज़र एजाज साबरी व साहिबज़ादा शाह यावर अली मंजर एजाज साबरी ने अदा कराई। इसके बाद तमाम अकीदतमन्दो के लिए सज्जादानशीन शाह अली मंज़र एजाज साबरी ने बड़े जज्बे ओर जोश के साथ सभी जायरीन व देश में अमनो अमान की दुआ कराई। इस दौरान बारगाहे आलिया में मौजूद तमाम लोगों की आंखें नम हो गई। कुल शरीफ की रस्म में हजरत साबिर पाक का शिजरा मुबारक अनवर जमाल काज़मी द्वारा पढ़ा गया।
क़ुल शरीफ़ की रस्म में शिरकत करने के लिए दूर-दराज से तमाम अक़ीदतमन्द बुधवार सुबह 6 बजे से ही दरगाह परिसर आना शुरू हो गए थे, 10 बजे क़ुल शरीफ़ शुरू होने तक दरगाह शरीफ़ के चारो ओर हज़ारों अक़ीदतमन्द जमा हो गये और साबिर पाक की शान में दाता करीम साबिर, मैला करीम साबिर, हक़ साबिर या साबिर के नारे लगा कर अपनी अक़ीदत का इज़हार किया, क़ुल शरीफ़ का आगाज़ साबरी जामा मस्जिद के इमाम हाफिज सऊद साबरी द्वारा तिलवाते क़ुरआन के साथ किया गया इस दौरान पूरे दरगाह परिसर व दरगाह क्षेत्र में खामोशी तारी हो गई रस्म में मौजूद तमाम अक़ीदतमन्द आंखें बंद कर इस रूहानी मरकज़ के ज़रिए अल्लाह से दिल ही दिल में दुआएं मांगने लगे, तिलवाते क़ुरआन के बाद सज्जादा नशीन शाह अली मंज़र एजाज़ साबरी ने हाथ उठा कर बड़े जोश ओर जज़्बे के साथ दुआ की शाम को बाद नमाज़े असर दूसरा क़ुल शरीफ़ पढ़ा गया क़ुल शरीफ़ के बाद साबिर पाक के मज़ारे मुबारक पर दस्तार बंदी की गई सज्जादानशीन शाह अली मंज़र ऐजाज़ साबरी व साहिबज़ादा यावर मंज़र एजाज़ साबरी ने उर्स में शिरकत करने आये साबरी सिलसिले के तमाम सूफिया हज़रात की दस्तार बंदी की। बुधवार को क़ुल शरीफ़ ओर दस्तार बंदी की मुख्य रस्म अदा होने के बाद गुरुवार को गुस्ल शरीफ़ अंतिम रस्म सज्जादानशीन अदा करेंगे। बुधवार को क़ुल शरीफ की मुख्य रस्म में सज्जादा नशीन परिवार से शाह सुहैल मियां, ख़ालिक़ मियां, शाह यावर अली, असद साबरी, शाह राज़ी, शाह गाज़ी, के अलावा पानीपत दरगाह के सज्जादा नशीन हाफिज मेराज, खादिम मुनव्वर अली साबरी, हाजी शादाब कुरैशी, गुलशाद सिद्दीकी, हाजी अकील, कुँवर शाहिद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।