पंच👊🏻नामा
सुल्तान, हरिद्वार: हरिद्वार ग्रामीण सीट पर आखिरकार वही होने जा रहा है, जिससे डरकर कांग्रेस अभी तक प्रत्याशी की घोषणा करने से बच रहा है। टिकट की प्रमुख दावेदार राजीव चौधरी ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीद दिया है। इससे साफ है कि हॉट सीट पर बगावत की घंटी बज चुकी है। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे राजीव चौधरी की युवाओं और मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी खासी पैठ है। वह लंबे समय से इस सीट पर तैयारी कर रहे थे। ऐसे में राजीव अगर बगावत होकर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो इस सीट पर कांग्रेस के साथ खेला हो सकता है। वहीं, राजीव के बाद ऐसे कई और नाम हैं, जिन्हें अनुपमा के टिकट को लेकर अंदर की खबर हो चुकी है और अब वह बागी होकर ताल ठोकने की तैयारी में हैं।
हॉट सीट बनने के साथ ही हरिद्वार ग्रामीण कांग्रेस के लिए गले की फांस बन चुकी है। पूर्व सीएम हरीश रावत की हर सीट पर कई-कई दावेदारों को टिकट का दिलासा देने की काम चलाऊ नीति भी इसके लिए जिम्मेदार है। पूर्व सीएम हरीश रावत पर पारिवारिक दबाव भी इसका बड़ा कारण है। हरीश रावत के लिए मजबूरी है कि उन्हें बेटा या बेटी में से किसी एक को हरिद्वार में एडजस्ट करना है। अनुपमा रावत के लिए हरिद्वार ग्रामीण के अलावा कोई और सीट उन्हें समझ नहीं आ रही है।
इसके लिए चाहे कितने दावेदारों के दिल तोड़ने पड़े, समझौता करना पड़ेगा। इस मिशन को पूरा करने के लिए दो-दो बसपा नेताओं की कांग्रेस में एंट्री भी कराई गई। लेकिन पार्टी के दावेदारों को रावत अभी संतुष्ट नहीं कर पाए हैं। चर्चाएं हैं कि अनुपमा रावत के टिकट की घोषणा इसलिए नहीं की जा रही है कि कोई दावेदार बागी होकर मुश्किल न खड़ी कर दे। मगर इंतजार लंबा खिंचने से यह खबरें आउट होने लगी हैं और इसके साथ बगावत की हलचल भी शुरू हो गई है। यूथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने सबसे पहले कदम आगे बढ़ाया है।
उन्होंने मंगलवार को नामांकन पत्र खरीद लिया है। माना जा रहा है कि 27 जनवरी को वह निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करेंगे। ऐसा होता है तो अनुपमा या कोई भी अन्य कांग्रेस प्रत्याशी हो, उसे सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।
चूंकि राजीव चौधरी जाना पहचाना नाम है और युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं। दूसरी तरफ हनीफ अंसारी आदि भी अगर इसी राह पर चल पड़ते हैं तो हरिद्वार ग्रामीण पर कांग्रेस की लुटिया डूबनी तय है।