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भाजपा-कांग्रेस में बगावत से मचा घमासान, चार सीटों पर टिकट बदलने की जद्दोजहद…

राजपाल ने थामा भाजपा का दामन, देशराज के टिकट पर लटकी तलवार,, देहरादून में बैठक कर रहे कांग्रेस के दिग्गज, कई सीटों पर जल्द फैसला..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के बाद भी भाजपा कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों ही दल इस समय बगावत से जूझ रहे हैं। झबरेड़ा सीट पर वीरेंद्र जत्ती को टिकट देने पर राज्यपाल सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।

अचानक हुई इस एंट्री से झबरेड़ा के सीटिंग विधायक देशराज कर्णवाल के टिकट पर बड़ी तलवार लटक गई है। यही वजह है कि कर्णवाल के समर्थकों ने राज्यपाल का विरोध शुरू कर दिया है।

दूसरी तरफ कांग्रेस में भी असंतोष खत्म नहीं हो रहा है। हरिद्वार की ज्वालापुर और नैनीताल की रामनगर समेत प्रदेश की कई सीटों पर टिकट बदलने की चर्चाओं के बीच देहरादून में कांग्रेस की बैठक शुरू हो गई है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि दिग्गज शामिल हो रहे हैं और जल्द ही कुछ सीटों पर फैसला लिया जा सकता है। दरअसल रामनगर से रणजीत रावत खेमा हरीश रावत का टिकट बदलने की मांग कर रहा है और रणजीत रावत को सल्ट के बजाय रामनगर से चुनाव लड़ाने की मांग उठ रही है। जबकि हरीश रावत रामनगर से ही चुनाव लड़ने और गुरुवार को नामांकन का ऐलान कर चुके हैं।

दूसरी तरफ हरिद्वार ग्रामीण सीट पर भी रस्साकशी बनी हुई है यहां कई दिन से अनुपमा रावत का नाम फाइनल है। लेकिन अभी तक नाम घोषित नहीं किया जा रहा है। जबकि यहां पार्टी की रणनीति फेल होती दिख रही है और राजीव चौधरी ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया है। हनीफ अंसारी के समर्थक भी उन पर दबाव डाल रहे हैं कि वह निर्दलीय चुनाव लडें। ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होनी तय है। रुड़की सीट पर भी बगावत डालने के लिए टिकट घोषित करने में देर की जा रही है।

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दावेदारों को हजम नहीं हो रहा बरखा का टिकट……
हरिद्वार: ज्वालापुर सीट पर बरखा रानी को टिकट मिलना बाकी दावेदारों को हजम नहीं हो रहा है। रिटायरमेंट से चंद महीने पहले नौकरी छोड़कर राजनीति में आए पूर्व डीएफओ सनातन सोनकर टिकट ना मिलने पर समाजवादी पार्टी का रास्ता बना चुके हैं। वह इस सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। अंदर की खबर यह है कि कई और दावेदार बागी होकर ताल ठोकने की तैयारी में है। इसलिए यह भी संभावना है कि कांग्रेस को यहां इतिहास दोहराना पड़ सकता है। जब कांग्रेस में टिकट स्पेशल इंजीनियर को दिया और ब्रजरानी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिससे भाजपा विधायक सुरेश राठौर की एक बार फिर से लॉटरी लग सकती है।

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