
पंच👊नामा ब्यूरो
देहरादून: रिटायर्ड प्रिंसिपल की हत्या में गिरफ्तार किए गए पति-पत्नी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि रिटायर्ड प्रिंसिपल अपना वंश आगे बढ़ाने के लिए शादीशुदा प्रेमिका से बेटा पैदा करना चाहते थे, लेकिन बदले में उन्हें मौत मिली। दरअसल, श्याम लाल की पत्नी की 20 साल पहले मौत हो चुकी थी। दो बेटियों में एक की शादी हो चुकी थी, दूसरी अविवाहित है। श्यामलाल को सबसे बड़ी चिंता यह थी कि उनका वंश आगे नहीं बढ़ पाएगा। पुलिस के मुताबिक, श्यामलाल गुरुजी इस काम के लिए गीता को 20 लाख रुपये तक देने का ऑफर कर चुके थे।
ऑफर के बाद ही गीता और हिमांशु को लगा कि श्यामलाल के पास काफी रुपया है। गीता भी एकमुश्त रकम ऐंठकर श्यामलाल से पीछा छुड़ाने की फिराक में थी। ऐसे में गीता व हिमांशु ने श्यामलाल को अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और रुपये ऐंठने का षड़यंत्र रचा।
गीता ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसके श्यामलाल के साथ पिछले 12 वर्ष से अनैतिक संबंध थे और श्यामलाल उसे हर माह 50 हजार से एक लाख रुपये खर्चा दे रहा था। बुजुर्ग श्यामलाल एक एनजीओ चलाते थे और वहीं दोनों की मुलाकात हुई थी।
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लालच में डोल गया पति-पत्नी का ईमान….देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि सात माह पूर्व गीता की मुलाकात हिमांशु चौधरी से हुई, जो एमबीबीएस कर रहा था। वह दोनों करीब आ गए और शादी कर ली। इसके बाद श्यामलाल से गीता का मिलना-जुलना कम हो गया। जिससे श्यामलाल परेशान थे।
वह अकसर गीता पर मिलने का दबाव डाल रहे थे और उन्होंने बेटा देने के बदले गीता को 20 लाख रुपये देने की पेशकश कर दी। यही एक वजह श्यामलाल की मौत का कारण भी बन गई। गीता और हिमांशु को लगा कि श्यामलाल के पास काफी रुपया है, जिसे ऐंठा जा सकता है।
हत्या के बाद श्यामलाल के मोबाइल फोन से खाते की डिटेल खंगाली तो उन्हें बैंक खाते खाली मिले।
—————————————–गीता पहले ब्यूटी पार्लर चलाती थी, लेकिन बेटी होने के बाद उसने काम बंद कर दिया। यह भी सामने आया कि गीता वर्तमान में करीब पांच माह की गर्भवती है। उसके गर्भ में पल रही संतान हिमांशु की है या श्यामलाल की, इस संबंध में पुलिस चिकित्सीय जांच कराने की तैयारी कर रही।
गीता अब तक श्यामलाल से 10 लाख रुपये से अधिक धनराशि ले चुकी थी। श्याम लाल के नाम पर दून में करोड़ों की जमीन भी है।
——————————————हिमांशु मूल रूप से नई बस्ती सुनहरा रोड रुड़की हरिद्वार का रहने वाला है। जबकि गीता देवबंद सहारनपुर की निवासी है। शव के चार टुकड़े कर देवबंद की साखन नदी में फेंकने वाले गीता के भाई अजय व कैलाशपुर कॉलोनी देवबंद निवासी जीजा धनराज चावला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
वहीं, गीता ने बताया कि हत्या के बावजूद उन्हें पैसे नहीं मिले, तब वह अपने पाप का पश्चाताप करने के लिए प्रयागराज गए और महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाई। एक रात वहां रुकने के बाद वह दोबारा दिल्ली पहुंचे और जहां से वह कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर पहुंच गए। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।