बारिश में फिर मचाही तबाही, कहीं टूटा पुल तो कहीं मलबे में धंसे वाहन, हरिद्वार-ऋषिकेश ट्रैक पर फंसी कई रेलगाड़ियां..
पहाड़ से आ रही डरावनी तस्वीरें, गंगा का जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार के तटवर्ती इलाकों में आफत, सीएम धामी ने संभाली कमान राहत व बचाव में जुटा अमला..
पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: मानसून सीजन में बर्बादी लेकर आई बारिश से आफत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार शाम से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण भारी तबाही मची। कहीं पुल टूटने तो कहीं मलबे में वाहन और पिकनिक स्पॉट धंसने की खबरें आ रही हैं। इसी तरह मैदान में भी हालात बद से बदतर हैं।
गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को सुन रहा है तटवर्ती इलाकों में नदियों का पानी हिलोरे मार रहा है। वही रेलवे ट्रैक पर मलबा आने से हरिद्वार ऋषिकेश रेल मार्ग पर हेमकुंड एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन बीच में ही रुकी खड़ी हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आला अधिकारियों की बैठक लेते हुए प्रदेश में आपदा की समीक्षा करते हुए राहत व बचाव कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार जिले में भी अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं। दरअसल, हरिद्वार के भीमगोडा बैराज पर कई सालों बाद गंगा का जलस्तर 294.80 रिकॉर्ड किया गया है।
गंगा के खतरे का निशान पार करने के बाद तटीय क्षेत्रों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा बन गया है।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल ने देहात क्षेत्र का जायजा लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
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“टनल में फंसे 90 श्रमिक…..

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतर्गत शिवपुरी में टनल में पानी आ जाने से 90 श्रमिक अंदर फंस गए। मुनिकीरेती कोतवाली की पुलिस ने रेस्क्यू दल के साथ पानी के भीतर जाकर सभी को सुरक्षित निकाला। थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि श्रमिक टनल के अंदर काम कर रहे थे। सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है।
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“सीएम धामी ने अपने आवास में ली बैठक, दिए निर्देश….
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी अलर्ट मोड पर रहें।
उन्होंने अधिकारियों से अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों और वहां किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की। अतिवृष्टि के दृष्टिगत 2 दिनों के लिए चारधाम यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान को देखकर ही यात्रा करें।मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि के कारण जनपद पौड़ी में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। जिला प्रशासन और एस.डी.आर.एफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों को शीघ्र उचित उपचार दिलवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि अतिवृष्टि से प्रदेश में जहां भी नुकसान हो रहा है।

प्रभावितों को मानकों के अनुसार मुआवजा राशि यथाशीघ्र मिल जाय। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में हुई क्षति का पूरा आंकलन किया जाए। मुख्यमंत्री जिलाधिकारियों से भी अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान एवं राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारी के संबंध में लगातार जानकारी ले रहे हैं।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिला प्रशासन एवं राहत-बचाव में लगे सभी दलों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, डॉ रंजीत सिन्हा, एडीजी ए.पी.अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जगदीश चन्द्र काण्डपाल उपस्थित थे।
