पंच👊नामा
पिरान कलियर: आस्था की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक का 754 वा सालाना उर्स बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। मेहंदी डोरी की रस्म से शुरू हुआ साबिर पाक का उर्स विभिन्न रसुमात के साथ आज मुख्य दिन यानि बड़ी रोशनी तक पहुँच चुका है। 12 रबीउल अव्वल जिसे पूरी दुनिया मे जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाता है यही खास दिन साबिर पाक के उर्स का मुख्य दिन भी है। आज दूर-दराज से आने वाले अकीदतमंदों का सैलाब पिरान कलियर में उमड़ रहा है। विभिन्न जगहों से जुलूस के रूप में चादरें दरबार-ए-साबरी में पहुँच रही है। आपको बता दे हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी के रोजा-ए-मुबारक पर अपनी बिगड़ी को बनाने वाले सैकड़ो, हजारो, लाखो नही बल्कि करोड़ो अकीदतमंदो की आस्था देखते ही बनती है। चारो और रूहानियत का फैज, दरबार में मुश्क की खुशबु, और अजीमोशान करामातें, हर कोई इस खुशनुमा माहौल में रंग कर उस मुकाम को हासिल कर लेता है जिसकी उसको चाह होती है। जी हां हम बात कर रहे है उस मुक़द्दस जगह की जहाँ हवाएं भी बड़े अदबो एहतरांम से होकर गुजरती है। जिनका चराग आंधियो में जलता है और जिसको वो नवाज़ दे वो कलन्दर से बादशाह बनजाते है। रुड़की शहर से करीब 7 किलो मीटर की दूरी पर बसा पिरान कलियर जहां विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक पर देश विदेश से अकीदतमंद अपनी बिगडियो को बनाने के लिए हाजरी लगाते है। आज साबिर-ए- पाक के उर्स का मुख्य दिन यानि बड़ी रोशनी है, जिसमे दूर दराज से अकीदतमंदों ने शिरकत की है। देर शाम बड़ी रोशनी की रस्म को अदा किया जाएगा, जिसमे दरगाह के सज्जादानशीन शाह अली एजाज़ कुद्दुसी साबरी खास दुआं कराएंगे। इस दौरान अन्य खानकाही सिलसिलों के गद्दीनशीन भी मौजूद रहेंगे।