हरिद्वार

“संतों की चेतावनी, पुलिस एक हफ्ते में खाली करे श्रद्धा भक्ति आश्रम, बाबा हठयोगी ने एसएसपी को भेजा पत्र..

संत की हत्या के बाद पुलिस की रिहायश बना हुआ है आश्रम, सेवा और परंपरा के कार्य रुकने पर संतों ने उठाए सवाल..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कनखल स्थित श्रद्धा भक्ति आश्रम को लेकर जारी प्रशासनिक नियंत्रण के विरुद्ध अब संत समाज ने सख्त रुख अपना लिया है। श्री रामानंदीय श्री वैष्णव मण्डल के अध्यक्ष बाबा हठयोगी जी महाराज ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को पत्र भेजकर आश्रम को तत्काल मण्डल को सुपुर्द करने की माँग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर आश्रम को मुक्त नहीं किया गया, तो संत समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा।बता दें कि श्रद्धा भक्ति आश्रम के महंत गोविन्द दास महाराज की जून 2024 में नृशंस हत्या के बाद से आश्रम को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। लेकिन घटना के कई माह बीत जाने के बावजूद न तो आश्रम की धार्मिक गतिविधियाँ बहाल की गई हैं और न ही इसे मण्डल को सौंपा गया है। उसके बाद से ही पुलिस और पीएसी के जवान इस आश्रम में रहते आ रहे हैं।
—————————————-
“धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कर रहा प्रशासन…बाबा हठयोगी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि श्रद्धा भक्ति आश्रम कोई सरकारी या विवादित संपत्ति नहीं है, बल्कि यह श्री रामानंदाचार्य परंपरा की एक प्रतिष्ठित धर्मपीठ है, जिसे वर्षों से श्री रामानंदीय मण्डल द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन पर धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप और परंपरागत व्यवस्थाओं को बाधित करने का आरोप लगाया।
“धर्मस्थल पर पुलिस का लंबा कब्जा न सिर्फ असंवैधानिक है, बल्कि धार्मिक संस्थाओं की गरिमा के खिलाफ भी है,” – बाबा हठयोगी।
—————————————-
संतों की चेतावनी: आंदोलन के लिए होंगे बाध्य….पत्र में बाबा हठयोगी ने स्पष्ट किया कि यदि आश्रम को सौंपने की कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर नहीं की गई, तो श्री रामानंदीय मण्डल संत समाज के सहयोग से आंदोलनात्मक और कानूनी मार्ग अपनाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी स्थिति के लिए समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। बाबा हठयोगी ने अपने पत्र में कहा— “पुलिस का धार्मिक संपत्तियों पर कुण्डली मारकर बैठ जाना और आश्रम की पवित्र व्यवस्था को जड़ से ठप कर देना, प्रशासन की मंशा पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। यह परंपराओं की खुली अवहेलना है, जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
—————————————-
आश्रम में बंद पड़ी सेवाएं, रुकी परंपराएं….बाबा हठयोगी ने बताया कि आश्रम में गौसेवा, संतसेवा, पूजन, भंडारा जैसे नियमित धार्मिक कार्य लंबे समय से ठप हैं। इससे न केवल मण्डल की परंपराओं को ठेस पहुंची है, बल्कि सैकड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को भी चोट लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की तानाशाही और हठधर्मिता के चलते धार्मिक संपत्तियों को हड़पने जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
—————————————-
संत समाज में रोष, कार्रवाई की मांग…..श्री रामानंदीय श्री वैष्णव मण्डल ने आश्रम को विधिसम्मत रूप से मण्डल के सुपुर्द करने की मांग करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि आश्रम के संरक्षक के रूप में मण्डल का अधिकार सर्वोपरि है। संत समाज ने जिला प्रशासन से अपील की है कि आश्रम को तत्काल खाली कर धार्मिक गतिविधियों की पुनः शुरुआत की जाए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन बाबा हठयोगी और रामानंदीय मण्डल की इस चेतावनी को किस रूप में लेता है और आश्रम पर लंबे समय से चल रहे कब्जे को लेकर क्या रुख अपनाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!