बधिरजनों के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय मंच पर पहुंचे संदीप अरोड़ा, केंद्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी..
आईएसएलआरटीसी की आठ सदस्यीय एग्जीक्यूटिव काउंसिल में अकेले मूक-बधिर सदस्य बनकर देवभूमि का बढ़ाया मान..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: बधिरजनों के अधिकारों की पुरज़ोर वकालत करने वाले हरिद्वार के होटल व्यवसायी व समाजसेवी संदीप अरोड़ा को केंद्र सरकार ने बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन केंद्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने उन्हें भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), नई दिल्ली की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में बतौर सदस्य नामित किया है। उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा। आठ सदस्यीय इस कार्यकारिणी परिषद में संदीप अरोड़ा अकेले मूक-बधिर प्रतिनिधि हैं। उनके साथ एक निदेशक, दो संयुक्त सचिव, दो राष्ट्रीय मूक-बधिर शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और दो अन्य विशेषज्ञ सदस्य शामिल किए गए हैं। सभी सदस्य आईएसएलआरटीसी के नियमों और उपनियमों के तहत संस्था के विकास और संचालन में सहयोग करेंगे।
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“भारतीय सांकेतिक भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराना लक्ष्य”….अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संदीप अरोड़ा ने कहा कि यह न सिर्फ़ एक सम्मान है, बल्कि देश के करोड़ों बधिरजनों की आवाज़ को ऊंचा मंच दिलाने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) को संविधान की आठवीं अनुसूची में 23वीं भाषा के रूप में स्थान मिले। उन्होंने कहा, “अब केंद्र सरकार ने मुझे ज़िम्मेदारी दी है, तो मैं देशभर के बधिरजनों की समस्याओं के समाधान और उनके अधिकारों के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।”
————————————आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम में बदलाव की भी वकालत
संदीप अरोड़ा ने बताया कि वे दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 (RPWD Act) में आवश्यक बदलाव के लिए भी सुझाव देंगे, जिससे बधिरजनों को शिक्षा, संवाद और आजीविका के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल सकें। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आईएसएलआरटीसी का मुख्य उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहित करना, उसका विकास करना और इसे शिक्षा व अनुसंधान में उपयोगी बनाना है। संस्थान एनसीईआरटी की पुस्तकों को सांकेतिक भाषा में अनुवादित कर साइन वीडियो के रूप में तैयार करने पर भी काम कर रहा है। साथ ही, यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर भारतीय सांकेतिक भाषा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में अग्रसर है।
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राज्यभर में खुशी की लहर….उल्लेखनीय है कि संदीप अरोड़ा देवभूमि बधिर एसोसिएशन, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। केंद्र की इस अहम जिम्मेदारी को मिलने के बाद उत्तराखंड के मूक-बधिर समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। बधिरजनों से जुड़े संगठनों ने इसे उनके हक़ और आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की दिशा में बड़ा क़दम बताया है।