वकील, इंजीनियर की गलती अलग बात, शिक्षक की गलती से होता है देश का नुकसान..
अभिप्रेरणा फाउंडेशन और पैनासोनिक ने आयोजित की शिक्षकों की प्रशिक्षण कार्यशाला..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: वकीलों की गलती फाइलों मे दब जाती हैं, इंजीनियर की गलती ईट व रेत दीवारों मे दब जाती हैं, लेकिन शिक्षक की गलती कहीं नहीं दबती, वो गलती नहीं अपराध होती हैं, क्योकि अगर एक शिक्षक अपने शिक्षण कार्य में गलती करता हैं, उससे देश के भविष्य का नुकसान होता हैं। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ विनय सेठी ने अभिप्रेरणा फाउंडेशन और पैनासोनिक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिक्षकों की प्रशिक्षण कार्यशाला में ये विचार रखे।
सिडकुल के एक होटल में बाल दिवस की पूर्व संध्या पर वैचारिक समृद्धि की शिक्षण में भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में डा. विनय सेठी ने बताया कि एक शिक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। उनके व्यक्तित्व का प्रभाव आने वाले भविष्य यानि छात्र छात्राओं के मन मस्तिष्क पर गहरा असर डालता हैं।
अन्य पेशों मे गलतियां माफ हो जाती हैं, लेकिन एक शिक्षक की गलती माफी के लायक नहीं होती। इसलिए हर शिक्षक को अपना शिक्षण कार्य ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करना चाहिए।
अभिप्रेरणा फाउंडेशन के सचिव डा. दीपेश चंद्र प्रसाद ने कहा कि हमारे जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका हैं, अगर हम अपने जीवन में समय के महत्व को नहीं समझेंगे, तो हमारे छात्र भी समय से पीछे होते जाएंगे।
पैनासोनिक के सीएसआर प्रतिनिधि अजित राम ने सबका धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन पिंकी प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में पैनासोनिक की ओर से गोद लिए गए छह प्राइमरी और छह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य, अध्यापक, सहायक अध्यापक सहित अवनीश, संदीप, जितेंद्र, अमित, प्रमीत, मोनिका, सुशीला, दीक्षा, उजाला, सुजाता, वैशाली, रीमा, पूजा आदि उपस्थित रहे।