
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ पुलिस प्रशासन के बाद अब आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया है। ज्वालापुर की चर्चित और विवादित 56 बीघा जमीन को आयकर विभाग ने कुर्क कर लिया है। जमीन को बेनामी घोषित करते हुए खरीद-फरोख्त व हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई है। कानपुर से आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई की एक टीम ने विवादित जमीन पर पहुंचकर मुनादी कराते हुए नोटिस लगाया। यशपाल सहित जमीन से जुड़े अन्य प्रॉपर्टी डीलर भी जांच की जद में आएंगे। संपत्ति में पैसा लगाने वालों को इनकम का स्रोत बताना होगा। इस संबंध में कुछ लोगों से पूछताछ की भी तैयारी की गई है।
गौरतलब है कि ज्वालापुर में जूर्स कंट्री के पीछे स्थित विवादित 56 बीघा जमीन मामले में दिल्ली के एक प्रॉपर्टी डीलर ने ज्वालापुर कोतवाली में भूमाफिया यशपाल तोमर व अपने भाई सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उत्तराखंड एसटीएफ मामले की छानबीन करते हुए यशपाल तोमर को नोएडा से गिरफ्तार कर लाई थी।
इसके बाद तत्कालीन ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी की ओर से यशपाल के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

इस मुकदमें में जिलाधिकारी के आदेश पर यशपाल की लगभग डेढ़ सौ करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। उसकी कई लग्जरी और बुलेट प्रूफ गाड़ियां फिलहाल भी ज्वालापुर कोतवाली में सीज़ खड़ी हैं यशपाल तोमर फिलहाल हरिद्वार जेल में बंद है। इस बीच आयकर विभाग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए 56 बीघा जमीन को बेनामी संपत्ति घोषित करते हुए कुर्क कर लिया।
कानपुर से आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई के डिप्टी कमिश्नर विक्रम मणि के नेतृत्व में एक टीम ने हरिद्वार पहुंचकर इस संबंध में मुनादी कराई। इस दौरान ज्वालापुर कोतवाली से उपनिरीक्षक इंद्रजीत राणा, कांस्टेबल संदीप कुमार, आनंद रावत आदि भी मुस्तैद रहे।
2 दिन पहले बागपत में हुई कार्रवाई
आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर विक्रम मणि ने बताया कि यशपाल तोमर से जुड़ी बेनामी संपत्तियां जहां जहां मौजूद है, वहां जाकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले बागपत के चिटेरा गांव जाकर भी एक संपत्ति कुर्क की गई थी।