कांवड़ मेले में देवदूत की भूमिका निभा रहे एसडीआरएफ के जवान..
गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक एसडीआरएफ दे अदम्य साहस का परिचय, खुद कमांडेट घाटों पर जाकर बढ़ा रहे जवानों का उत्साह..

पंच👊नामा-ब्यूरो
ऋषिकेश: प्रदेश की एसडीआरएफ का डंका इस बार कांवड़ में हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में जमकर बज रहा है। गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक जान जोखिम में डालकर एसडीआरएफ के जवान कांवड़ यात्रियों की जान बचाने का काम कर रहे हैं। अब तक बीस से अधिक कांवड़ियों को मां गंगा के तेज बहाव से बचाकर उन्हें नया जीवनदान दे चुके जवानों की हर कोई तारीफ कर रहा है।
अभी तक तो चारधाम यात्रा के दौरान ही एसडीआरएफ अपने कार्यों से लोगों का दिल जीत रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर सिंह खट्टर अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एसडीआरएफ के जवानों की तारीफ कर चुके हैं, वहीं उप्र एवं राजस्थान पुलिस भी अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एसडीआरफ की तारीफ कर रही है।
कांवड़ मेला शुरू होने के साथ ही SDRF की कई टीमें आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के साथ विभिन्न संवेदनशीन हरिद्वार में कांगड़ा पुल, बैरागी घाट, ऋषिकेश में नाँव घाट, गीता भवन, परमार्थ घाट, वानप्रस्त घाट तथा नीलकंठ मंदिर, पौड़ी में नियुक्त है।
लगातार लोगों की जान बचाने का काम कर रही है। एसडीआरएफ के कमांडेट मणिकांत मिश्रा लगातार घाटों पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की टुकड़ियों विपरीत मौसम में लगातार काम कर रही है।
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◆ 04 जुलाई को वानप्रस्थ घाट, ऋषिकेश में SDRF द्वारा नदी के तेज बहाव की चपेट में आये 02 कांवडियों को सुरक्षित बचाया गया।
◆ 04 जुलाई को नाव घाट, ऋषिकेश में 01 कांवड़िये के तेज बहाव की चपेट में आने पर SDRF द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए सुरक्षित बाहर निकाला गया।
◆ 05 जुलाई को कांगड़ा घाट, हरिद्वार में डूब रहे 01 कांवड़िये को SDRF की तत्परता से सुरक्षित बचाया गया।◆ 06 जुलाई को तीन अलग अलग घटनाओं में कांगड़ा पुल, हरिद्वार में 02 व नाव घाट, ऋषकेश में 01 कांवड़िये को नदी में डूबने पर SDRF द्वारा सकुशल रेस्क्यू किया गया।
◆ 07 जुलाई को चार अलग अलग घटनाओं में SDRF द्वारा कांगड़ा घाट, हरिद्वार से 03 व नाव घाट, ऋषिकेश से 01 कांवड़िये को नदी से सुरक्षित बाहर निकालकर उनका जीवन सुरक्षित किया।
◆ 08 जुलाई को वानप्रस्थ घाट, ऋषिकेश में एक कांवड़िये को नहाते समय नदी में ही मिर्गी का दौरा पड़ने पर SDRF जवानों द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए उसे नदी से बाहर निकालकर उसे प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया।
◆ 08 जुलाई को नीलकंठ, पौड़ी में एक श्रद्धालु का स्वास्थ्य खराब होने पर SDRF जवानों द्वारा उन्हें प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया।
◆ 08 जुलाई को कांगड़ा घाट, हरिद्वार में नदी के तेज बहाव की चपेट में आकर डूबते एक कांवड़िये को SDRF द्वारा सकुशल रेस्क्यू किया गया।