“सुविधा बनी मुसीबत: मोबाइल टॉयलेट में गंदगी का अंबार, पानी नहीं—जायरीनों को उठानी पड़ रही मुश्किलें..

पंच👊नामा
पिरान कलियर: सालाना उर्स/मेले के दौरान लाखों जायरीनों की सहूलियत को देखते हुए प्रशासन ने तमाम इंतज़ामात किए हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इन दावों से अलग नज़र आ रही है। दरगाह परिसर और आसपास के इलाक़ों में लगाए गए मोबाइल टॉयलेट जायरीनों के लिए सुविधा कम और परेशानी ज़्यादा बनते जा रहे हैं।जानकारी के मुताबिक, दरगाह प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर ठेकेदार से दर्जनों मोबाइल टॉयलेट विभिन्न स्थानों पर लगवाए थे। मगर ठेकेदार की लापरवाही और सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाह निगरानी ने पूरी व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। अधिकांश मोबाइल टॉयलेट समय से साफ़ नहीं किए जा रहे, जिसके चलते उनमें गंदगी भरी पड़ी है। कहीं पानी की सप्लाई ठप है तो कहीं अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
जायरीनों का कहना है कि शौचालयों की बदहाल स्थिति से उन्हें भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। जहां इन टॉयलेट्स को सफाई और सुविधा की नज़र से लगाया गया था, वहीं अब ये परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों और जायरीनों ने प्रशासन से सख़्त निगरानी और जवाबदेही तय करने की मांग की है, ताकि उर्स/मेले के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को साफ़-सुथरी और बेहतर सुविधा मिल सके।