पंच👊नामा
पिरान कलियर: सूफ़ीसन्तो की नगरी पिरान कलियर में साबिर पाक का सालाना उर्स मुकम्मल हो चुका है, अकीदतमंद उर्स की समाप्ति पर सूफ़ियाना महफ़िल सजाकर उर्स की विदाई पर नम आंखों के साथ साबरी मेहमानों को रुखसत कर रहे है। हर साल की तरह उर्स की 21 रबीउल अव्वल को मौला अली शेरे खुदा की याद में शफीक साबरी ने कुल शरीफ, लंगर और महफ़िल-ए-समा का आयोजन किया, जिसमें शाहबजादा शाह यावर अली एजाज़ साबरी व दरगाह हजरत कुतबे आलम गंगोह शरीफ के सज्जादानशीन मखदूम कुद्दुसी साहब मसनद नशी रहे। गौरतलब है कि आस्था की नगरी पिरान कलियर में पिछले कई दशकों से शफीक साबरी, मुनव्वर अली साबरी, सूफी राशिद अली साबरी, अज़ीम सिद्दीकी, मरहूम डॉ इनाम साबरी आदि 21 रबीउल अव्वल को मौला अली की याद में कुल शरीफ, लंगर और महफ़िल-ए-कव्वालियों का आगाज किया था, जिसे शफीक साबरी बदस्तूर आजतक निभाते आरहे है। आज 21 रबीउल अव्वल को शफीक साबरी, मुनव्वर अली साबरी, राशिद अली साबरी आदि ने मौला अली का कुल शरीफ कराया, लंगर ख़्वानी के बाद महफ़िल-ए-समा का आयोजन हुआ, इस मौके पर मसनद नशी रहे शाहबजादा शाह यावर एजाज़ कुद्दुसी साबरी व दरगाह हजरत कुतबे आलम गंगोह शरीफ के सज्जादानशीन मखदूम कुद्दुसी मियां। कव्वालों ने मौला अली शेरे खुदा और औलिया इकराम की शान में कव्वालियां पढ़ी। देर रात दुआएं खैर के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस मौके पर सलीम प्रधान, खालिद साबरी, गुफरान सिद्दीकी, जीशान सिद्दीकी, मशकूर साबरी, रियाज कुरैशी, गुफरान साबरी, बुरहान सिद्दीकी, आरिफ साबरी, गुलाम शेख, सुहैल साबरी, जावेद साबरी राव माली, अज़ीम सिद्दीकी आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।