पंच👊नामा
पिरान कलियर: साबिर पाक के 754 वे सालाना उर्स में सरहद पार से आए खुसूसी मेहमान दिवान अहमद मसूद वली-ए-अहद दरगाह बाबा फरीद गंज-ए-शकर का दरगाह सज्जादानशीन शाह अली एजाज़ कुद्दुसी साबरी व शाहबजादा शाह यावर मियां साबरी ने भव्य स्वागत किया। इसके बाद शाह यावर मियां ने उन्हें दरबार-ए-साबरी में हाजिरी कराई। इस मौके पर दुनियाभर में अमनो सलामती और आपसी भाईचारे की दुआं की गई। दरअसल दिवान अहमद मसूद पाकिस्तान से पहली मर्तबा पिरान कलियर आए है, अहमद मसूद साहब दरगाह बाबा फरीद गंज-ए-शकर के गद्दीनशीन है। ग़ौरतलब है कि साबिर पाक के पिरोमुर्शिद बाबा फरीद गंज शकर की दरगाह से गद्दीनशीन दिवान अहमद मसूद साहब पहली बार पाकिस्तानी जत्थे के साथ पिरान कलियर पहुँचे है। जिनका सज्जादानशीन शाह अली एजाज़ साबरी व शाहबजादा शाह यावर अली एजाज़ साबरी ने फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। दोनो गद्दीनशीनो के बीच बातचीत हुई। इसके बाद शाह यावर मियां ने उन्हें दरबार-ए-साबरी में हाजिरी कराई। इस दौरान दोनों मुल्कों में आपसी भाईचारा और पूरे मुल्क में अमनो सलामती की दुआएं मांगी गई। सज्जादानशीन शाह अली एजाज़ साबरी ने बताया पाक पट्टन स्थित दरगाह बाबा फरीद गंज शकर के गद्दीनशीन दिवान अहमद मसूद साहब पहली मर्तबा पिरान कलियर पहुँचे है। उन्होंने बताया साबिर पाक के पिरोमुर्शिद बाबा फरीद गंज शकर ने साबिर पाक को अपना खलीफा नियुक्त कर पिरान कलियर भेजा था, जहा साबिर पाक ने अपनी गहन तपस्या से पिरान कलियर को मुनव्वर किया, और लोगों को इंसानियत का पैगाम दिया। साबिर पाक हजरत बाबा फरीद के खलीफा होने के अलावा भांजे भी थे, इसलिए बाबा फरीद को साबिर पाक से खास लगाव था, यही वजह है कि पाकिस्तान में भी दरगाह साबिर पाक के चाहने वालो की संख्या बेशुमार है। इस्तकबाल करने वालो में साजिद मियां, शाह सुहैल मियां, मुनव्वर अली साबरी, असद साबरी, नोमी मियां साबरी गाजी मियां, राजी मियां आदि मौजूद रहे।