पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मुहम्मद साहब (स.) के चचेरे भाई व उनके दामाद हजरत अली का यौमे विलादत रविवार को देर रात तक अकीदत के साथ मनाया गया। इस मौके पर फर्शे-महफिल बिछाई गई। शायरों ने अली की शान में कसीदे सुना कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कुछ जगहों पर मौला अली के यौमे विलादत पर केक भी काटा गया। आपको बता दे हजरत अली का जन्म 13 रजब को जुमा के दिन मक्का के काबा शरीफ में हुआ था। शिया समुदाय हर वर्ष इस दिन पर महफिल का आयोजन कर उनके पैदाईश की खुशियां मनाता है। इन मौके पर ज्वालापुर सहित ग्रामीण क्षेत्र में जश्न-ए-अली बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। ज्वालापुर अहबाबनगर स्थित इमामबाड़ा में “अंजुमन फ़रोग़ ए अज़ा” संस्था की ओर से जश्न-ए-मौला अली बड़ी धूमधाम के साथ केक काटकर मनाया गया। बाद नमाजे मगरिब महफिल का आयोजन किया गया, जिसमे मौला अली की शान में शायरों ने कसीदे सुना कर खूब वाहवाही लूटी। मुशायरे की अध्यक्षता समाजसेवी जनाब शफी ख़ान ने की। मुशायरे की शुरुआत मौलाना इक़्तेदार नकवी ने कलाम ए पाक की तिलावत से की। संचालन बिलाल रजा के द्वारा किया गया।संस्था के अध्यक्ष हैदर नकवी ने बताया मौला अली के यौमे विलादत पर शहर के शिया और सुन्नी इत्तेहाद की एक आकर्षक छवि प्रस्तुत की गई। यह कार्यक्रम शहर के शिया व सुन्नी हज़रात साथ मिलकर कई वर्षों से मनाते आ रहे हैं। हैदर नक़वी ने बताया कि मौला अली को शेरे खुदा, मुश्किल कुशा के नाम से भी जाना जाता है। मौला अली ने हमेशा बड़ी सादगी के साथ अपना जीवन बिताया और हर समाज के लोग अपनी फरियाद लेकर मौला अली के पास जाते थे और वह हमेशा सबकी मदद करते थे। उन्होंने कभी किसी को मायूस नहीं किया और हमेशा सच का साथ देते हुए इंसानियत का पैगाम देते रहे और किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव वाली भावना नहीं की, उनका मकसद सभी की मदद करना रहता था और पूरी दुनिया में सिवाए मौला अली के किसी और का जन्म खानाए काबे के अंदर नहीं हुआ। सस्था के सचिव फ़िरोज़ ज़ैदी ने मुशायरे में आने वाले सभी मेहमानों का स्वागत किया और आने वाले सभी शायरों का आभार व्यक्त करते हुए कलाम पेश करने वालो को पृस्करत किया। मुशायरे के अंत मे मौजूद सभी लोगो ने मुल्क में चैन व अमनो सुकून और देश की तरक्की के लिए दुआ की। इस मौके पर वरिष्ठ समाज सेवी अकबर ख़ान ने मौला अली के जन्मदिवस पर केक काट कर सभी को बधाई दी। मुशायरे में शरीक होने वालों में अकबर खान, इफ्तेखार ख़ान, फ़ारूक़ अली, काशिफ अंसारी, नावेद अंसारी, समीर अंसारी, शब्बू अंसारी, नावेद अब्बासी, कासिब, मुनीर, सुभान, समीर अंसारी, शाकिर, फ़िरोज़ ज़ैदी, ज़हूर हसन, आफताब हुसैन, हादी हसन, क़म्बर रज़ा, जाफ़र हुसैन, दिलशाद नक़वी, हुसैन हैदर, अमान ज़ैदी, शोयब नक़वी, ऐजाज़ नक़वी, हादी हसन, इक़बाल रज़ा, अस्करी रज़ा, मोहम्मद काज़िम, बिलाल, अरशद, रविश नक़वी, कबीर, सज्जाद नक़वी, ग़ाज़ी, हिलाल, बासित आदि लोग शामिल रहे।