हरिद्वार

“पहाड़-मैदान पर बांटने की साजिश पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी का बड़ा विरोध, कहा नारसन से ओम पर्वत तक उत्तराखंड एक..

निरंजनी अखाड़े में बुलाई आवश्यक बैठक, दरार पैदा करने वालों की निंदा, समन्वय समिति की रखी बुनियाद..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पहाड़ और मैदान के बीच दरार पैदा करने की कोशिशों पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने गहरी चिंता जताई है। रविवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में संतों, शिक्षाविदों और कारोबारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें इस विवादित बहस की जमकर निंदा की गई। संतों ने साफ कहा कि किसी भी कीमत पर प्रदेश में भाईचारा टूटने नहीं दिया जाएगा।महाराज ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान उसकी एकता है। “पहाड़ और मैदान कोई अलग नहीं। हम सब उत्तराखंडी हैं। विधानसभा में हरिद्वार का पानी रोकने की बात हो या टिहरी विस्थापितों को भेजने का बयान— यह सब अनुचित है और माहौल खराब करने वाला है। ”उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की शुरुआत नारसन से होती है। “जितना अधिकार ओम पर्वत पर रहने वाले नागरिक का है, उतना ही अधिकार मंगलौर-नारसन के लोगों का भी है। पहले हिंदू-मुस्लिम का भेद बनाया गया, अब पहाड़-मैदान को बांटने का खेल शुरू कर दिया गया। पहाड़ का हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई— सब उत्तराखंडी हैं।”महाराज ने कहा कि कुंभ जैसे बड़े आयोजन के सामने ऐसे विवाद खड़ा करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। “यह समय प्रदेश की एकता और विकास पर ध्यान देने का है। मुख्यमंत्री धामी अच्छा कार्य कर रहे हैं। बेवजह की बयानबाजी से दूर रहें। मोदी-शाह-धामी पर भरोसा रखें, बाकी शोर पर ध्यान न दें।”बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरिद्वार और उधमसिंहनगर को जोड़कर एक समन्वय समिति बनाई जाएगी, जो दोनों क्षेत्रों के हितों और भाईचारे को मजबूत करने का काम करेगी। स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि यह विवाद किसी साजिश का हिस्सा है। “पूरा उत्तराखंड एक है। उत्तराखंड में रहने वाला मुसलमान भी उत्तराखंडी है। उसे यहां के हर नागरिक की तरह बराबर अधिकार प्राप्त हैं। चिंता उन बाहरी तत्वों से है, जिनकी वजह से हमारे यहां की डेमोग्राफी बदली है।”एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने इसे राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश बताया।
“धराली आपदा के समय सबसे पहले हरिद्वार ने ही राहत सामग्री भेजी थी। मूल निवास मिले या न मिले— हमारी पहचान उत्तराखंडी की है। ”डॉ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा हमेशा अखंड भारत पर जोर देते हैं। “ऐसे समय में पहाड़-मैदान का विभाजन किसी भी दृष्टि से सही नहीं।एकजुटता का संदेश…..
बैठक में राकेश गोयल, डा. शिव कुमार चौहान, डा. पल्लवी राणा, डा. मनीषा पांडेय, डा. मीनाक्षी शर्मा, डा. पूर्णिमा सुंद्रियाल,सुनील कुमार पांडेय, महावीर नेगी, प्रमोद गिरि, किसान नेता रवि पंवार,भोला शर्मा, पार्षद दीपक शर्मा,मनोज राणा,डीएस रावत, अनिल बिष्ट और पुरुषोत्तम शर्मा,अन्य गणमान्य उत्तराखंड के शुभचिंतक सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे और श्रीमहंत डॉक्टर रविंद्र पुरी महाराज की इस पहल की सराहना की।

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